
आप वीतरागी गुरु के चरणों में बैठे हैं, विश्वास मानिए “आप भगवान बनने वाले हैं”–भावलिंगी संत दिगम्बराचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज
सुरेन्द्रनगर मुजफ्फरनगर में 50 वर्षों के अंतराल बाद पधारे विशाल चतुर्विध संघ आचार्य श्री भक्तसमूह में जब-जब भक्ति की उत्तुंग लहरें उठती है तब-तब निर्ग्रन्य दिगम्बर संतों के चरण रूपी सरितायें उन भक्तसमूह की ओर बढ़ ही जाती हैं। परम पूज्य “जीवन है पानी की बूंद” महाकाव्य के मूल रचनाकार, जिनागम पंच प्रवर्तक भावलिंगी संत…