मुरैना (मनोज जैन नायक) क्या कभी आपको अचानक चक्कर, कमजोरी, ठंडा पसीना या धुंधला दिखना महसूस हुआ है ? यदि हाँ, तो यह संकेत हो सकता है लो ब्लड प्रेशर यानी हाइपोटेंशन का। अधिकतर लोग हाई बी पी को ही खतरनाक मानते हैं, लेकिन लो बी पी भी उतना ही गंभीर हो सकता है, क्योंकि यह दिमाग और हृदय तक रक्त प्रवाह को बाधित करता है।
डॉ.राजेश जैन (एम. डी. आयुर्वेद) के अनुसार लो ब्लड प्रेशर के सामान्य कारण भोजन छोड़ना या लंबे समय तक उपवास रखना, शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), अत्यधिक थकान, तनाव या गर्मी लगना, रक्त की कमी (एनीमिया), थायरॉइड या हार्मोनल असंतुलन
हृदय रोग या दवाओं का प्रभाव हो सकता है ।
लो बीपी में राहत के लिए 10 प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय –
किशमिश दूध – प्राकृतिक एनर्जी बूस्टर
रातभर 10–12 किशमिश पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट किशमिश खाएँ और वही पानी पिएँ। यह रक्त की गुणवत्ता बढ़ाकर तुरंत ऊर्जा देता है।
तुलसी के पत्ते और शहद
5 तुलसी पत्तों का रस व 1 चम्मच शहद मिलाकर रोज़ सुबह लें। यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और ब्लड प्रेशर सामान्य करता है।
नमक वाला पानी (Salt Water)
एक गिलास पानी में चुटकीभर सेंधा नमक डालकर पिएँ।
सोडियम रक्तचाप को थोड़ी देर के लिए बढ़ाकर दिमाग तक रक्त प्रवाह सुधारता है।
कॉफी या काली चाय
1 कप कॉफी या काली चाय अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर बढ़ाती है। लेकिन इसे नियमित आदत न बनाएं।
मिश्री और सौंफ का पानी
1 चम्मच सौंफ और 1 चम्मच मिश्री गर्म पानी में डालकर पिएँ। यह रक्त प्रवाह बढ़ाकर ऊर्जा स्तर सुधारता है।
मुनक्का और बादाम का टॉनिक
रात को 5 मुनक्के और 2 बादाम पानी में भिगो दें।
सुबह पीसकर गुनगुने दूध में मिलाएँ और पिएँ। यह हृदय और नसों को पोषण देकर बीपी को स्थिर रखता है।
मुलेठी (लिकोरिस) पाउडर
आधा चम्मच मुलेठी पाउडर गुनगुने पानी में मिलाकर रोज़ एक बार लें। यह Adrenal Gland को सक्रिय कर लो बीपी में राहत देता है।
नींबू-शहद पेय
एक गिलास पानी में आधा नींबू और 1 चम्मच शहद मिलाएँ। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बहाल कर ताजगी देता है।
दालचीनी और अदरक का मिश्रण
थोड़ा अदरक और दालचीनी पानी में उबालकर पिएँ। यह रक्त प्रवाह तेज़ करता है और शरीर को गर्माहट देता है।
चिकित्सा हेतु आयुर्वेदिक औषधियाँ (चिकित्सा सलाहानुसार ही ले)
अरविंदासव: हृदय बलवर्धक, रक्तसंचार सुधारक
अश्वगंधारिष्ट: कमजोरी और तनाव में उपयोगी
दशमूलारिष्ट: वातदोष शमन में सहायक
(2 चम्मच सुबह-शाम बराबर पानी के साथ)
जीवनशैली और योग उपाय
शवासन, भ्रामरी, और प्राणायाम से रक्त संचार सामान्य रखें।
पर्याप्त 7–8 घंटे की नींद लें।
लंबे समय तक खाली पेट न रहें।
हल्के गर्म पानी से स्नान करें, इससे शरीर में ऊर्जा प्रवाह बढ़ता है ।
डॉक्टर से परामर्श कब लें
बार-बार बेहोशी या तेज़ चक्कर आने पर
बीपी लगातार 90/60 से नीचे रहने पर
हृदय की धड़कन बहुत धीमी या अनियमित महसूस हो
सावधानी और संतुलित जीवनशैली से लो बीपी पर नियंत्रण संभव है। नियमित जांच और सही आहार से आप इस समस्या को पूरी तरह नियंत्रित रख सकते हैं

