सब के दिन एक से नहीं होते।” सब की रक्षा करो, प्राणियों पर दया करो
इंदौर-, पथरिया ।परिणामों को विशुद्ध करो, परन्तु भूलकर भी गलत कार्य मत करो। गलत करना भी नहीं, गलत सोचना भी नहीं, गलत सलाह भी नहीं देनाऔर गलत की अनुमोदना भी नहीं करना। परस्पर में जीवन ऐसे जियो कि समाज की एकता/अखंडता नष्ट ना हो। छोटों की बात भी सुनी जावे और बड़ों का भी आदर,…

