संयम की साधना में पंचेंद्रियों पर अंकुश आवश्यक है -मुनिश्री विलोकसागर
मुरैना (मनोज जैन नायक) जैन दर्शन में प्राणी मात्र के कल्याण पर जोर दिया गया है । संसार के प्रत्येक प्राणी के अंदर अपार क्षमता है । लेकिन कषायों के वशीभूत होकर वह सब कुछ भूल चुका है । सांसारिक प्राणी क्रोध, मान, माया लोभ के वशीभूत होकर चार गति चौरासी लाख योनियों में भ्रमण…

