ग्वालियर— संस्कृत एकता मंच ग्वालियर द्वारा विशेष 77 शासकीय संस्कृत शिक्षकों का सम्मान समारोह रविवार को एक निजी हॉटल में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में म.प्र.चैम्बर आफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में अशोक दीक्षित बीईओ मुरार, दिनेश जैन समाजसेवी एवं युवा नेता, डॉक्टर मक्खन माहौर, सहायक अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन के साथ हुआ। तदुपरांत संस्कृत एकता मंच के पदाधिकारीयों के द्वारा मंचासीन अतिथियों का स्वागत तिलक, अंगवस्त्र, माल्यार्पण, स्मृति चिन्ह भैट कर एवं पगड़ी पहनाकर किया गया।
इस अवसर पर ग्वालियर जिले के वरिष्ठ विद्वान शिक्षक देवेंद्र शुक्ला एवं श्रीमती सुचेता वैद्य का संस्कृत के लिए उनकी सेवा और योगदान के लिए अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का संस्कृत भाषा में स्वागत भाषण संस्कृत एकता मंच के संयोजक मुकेश शर्मा द्वारा दिया गया। इस अवसर पर अन्य अतिथि गणों में डॉ.अमर बंधु त्रिपाठी जिला समन्वयक साक्षरता, संभव जैन ओमकार फाउंडेशन, आलोक जैन, पत्रकार विशेष रूप से उपस्थित रहे।
77 संस्कृत शिक्षकों का हुआ सम्मान
संस्कृत एकता मंच ग्वालियर द्वारा प्रथम बार ग्वालियर जिले के अंतर्गत सभी ब्लॉकों से पधारे लगभग 77 संस्कृत शिक्षकों का मंचासीन अतिथियों के द्वारा तिलक,अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया गया। साथ ही ओमकार फाउंडेशन ग्वालियर द्वारा सभी शिक्षकों को “क्षमा वाणी धर्म या धर्म संकट” पुस्तक अतिथियों द्वारा विमोचन उपरांत अध्ययनार्थ सादर भेंट की गई।
शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि डॉ प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि आज पुन: जरूरत है कि संस्कृत को मुख्य भाषा के रूप में स्थान मिले। संस्कृत हमारी संस्कृति की पहचान है जिसे अन्य भाषाओं ने पीछे कर दिया आज अन्य भाषाओं के साथ संस्कृत की भी उतनी ही आवश्यकता है। इस दौरान विशिष्ट अतिथि अशोक दीक्षित, दिनेश जैन एवं डॉ मक्खन माहौर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर श्रीमती सुचेता वेद, श्रीमती उषा अग्रवाल,मुकेश शर्मा(संयोजक), शिवम ठाकुर, भानु जैन, मनीष वर्मा, श्रीमती प्रज्ञा मुद्गल, पुष्यमित्र सिंह आदि ने कार्यक्रम के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन संस्कृत एकता मंच के सचिव शुद्धात्म जैन शास्त्री ने किया।