
साधु संतों के सान्निध्य से मन के विकार नष्ट होते हैं -मुनिश्री विलोकसागर
मुरैना (मनोज जैन नायक) वर्षायोग के चार माह धर्म ध्यान, पूजन, तप, स्वाध्याय, भक्ति एवं साधना के लिए सबसे उत्तम समय रहता है । इस समय का सभी श्रावकों को सदुपयोग करना चाहिए । इस अवसर पर यदि साधु संतों का समागम मिल जाएं तो सोने पर सुहागा है । साधु-संतों की महिमा उनके आध्यात्मिक…