राजनैतिक गुलामी से भी खतरनाक है भाषा और संस्कृति की गुलामी
भाषा और संस्कृति की गुलामी से मुक्त होना ही असली स्वतंत्रता है। कई मायनों में भाषा और संस्कृति की गुलामी राजनैतिक गुलामी से भी अधिक खतरनाक है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसके समर्थन में कई अहिंदी भाषी विद्वानों ने भी उसका समर्थन किया है। महात्मा गांधी, टेगौर, लोकमान्य तिलक, सुभाषचंन्द्र बोस सभी ने हिंदी…

