जीवात्मा परमात्मा का विशुद्ध मिलन ही महारास है : वेदांत जी

सिद्धपीठ श्री गंगा दास जी की शाला में श्राद्ध पक्ष के अवसर पर पूरन बैराठी पीठाधीश्वर स्वामी राम सेवक दास जी महाराज के पावन सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा में संत श्री रघुवीर दास वेदांती जी ने महारास की कथा का सुन्दर वर्णन किया उन्होंने बताया कि जीवात्मा ओर परमात्मा का विशुद्ध मिलन ही महारास है उन्होंने बताया की महारास में उन्ही गोपियों को प्रवेश मिला जिनका प्रभु ने चीर हरण आवरण भंग किया था
उन्होंने बताया की माया बड़ी प्रबल है माया का पर्दा तो केवल जगतपति परमात्मा के द्वारा ही हटाया जा सकता है किसी अन्य में यह सामर्थ नहीं है इसलिए हर जन मानुस को प्रभु से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि हम पर अपनी कृपा करें जैसे गंगा की धारा हिमालय से निकल कर समुद्र में नहीं मिल जाती तब तक उसे चेन नहीं मिलता उसी प्रकार जीवात्मा जब तक परमात्मा को प्राप्त नहीं कर लेती उसे भी चेन नहीं आता । परमात्मा का प्रेम रूपी मिलन ही महारास है आगे के प्रसंग में कंस वध की कथा सुनाई भगवान ने कंस का वध करके सभी मथुरा वासियों को भय मुक्त किया एवं ठाकुर जी के विवाह की सुन्दर कथा सुनाई भगवान का विवाह भगवती रुक्मणि जी के साथ बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया इस मोके पर मुख्य यजमान श्रीमती सुर्भी शिवांश शर्मा
श्रीमती संध्या हरिशंकर हरदेसिया
श्रीमती सीमा समाधिया
महासचिवश्रीमति ममता सुशील कटारे संत श्री श्रीदास जी संत श्री राम भजन दास जी संत श्री राम दास जी संत श्री भगवत दास जी सभी भक्तों द्वारा भगवान की आरती उतारी । कथा से पूर्व आचार्य श्री प्रदीप गोस्वामीजी श्री जी ने विधि विधान से द्वारा सभी पीठों का पूजन कराया ।

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