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कलेक्टर की अध्यक्षता में जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य अंतर्विभागीय बैठक हुई आयोजित

भिण्ड 16 अप्रैल 2025/कलेक्टर श्री संजीव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभागार में जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य अंतर्विभागीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में जलवायु परिवर्तन, हीट स्टॉक से बचाव, खान-पान, एवं गर्मी एवं लू से बचाव हेतु जानकारी दी गई। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री सुनील दुबे, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शिवांगी अग्रवाल, अधीक्षक भू-अभिलेख भिण्ड श्री मोहम्मद रज्जाक खान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्री संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मौसम परिवर्तन के दौरान गर्मी में शासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
उन्होंने कहा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संशोधित दिशा-निर्देशों अनुसार लू (तापघात)
कार्य योजना तैयार की जावे। प्रत्येक स्तर (जिला, तहसील, ब्लॉक, विभाग आदि) पर लू प्रबंधन हेतु नोडल अधिकारी को नामांकित किया जावे। स्थानीय स्तर पर “लू से बचाव” से संबन्धित जनजागृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये।
उन्होंने सभी नगरीय निकाय सीएमओ को निर्देशित कर कहा कि लू से बचाव हेतु अपनाई जाने वाली सावधानियों से संबन्धित सुझाव का प्रचार प्रसार होर्डिंग लगवाएं। चिन्हित स्थलों पर शीतल जल की पर्याप्त व्यवस्था तथा पेय जल-श्रोत में पीने हेतु पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे।
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देशित कर कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में छायादार स्थानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे। लू से प्रभावित होने पर प्राथमिक उपचार हेतु प्राथमिक उपचार बॉक्स की पर्याप्त संख्या तथा विद्यालय में इसकी उचित स्थान पर उपलब्धता सुनिश्चित की जावे।
शैक्षणिक संस्थाओं में शीतल पेय जल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जावे। विद्यालय के पेय जल श्रोत के आसपास सफाई एवं स्वछता सुनिश्चित की जावे। अस्पतालों/आपातकालीन सेवा प्रदान करने वाले संस्थाओं/विभागों का संपर्क न. का विवरण विद्यालय में रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। गंभीर रूप से लू से प्रभावित होने वाले विद्यार्थियों को अस्पताल पहुंचाने हेतु वाहन की व्यवस्था तथा इस कार्य हेतु विद्यालय के ज़िम्मेदार शिक्षक का नामांकन किया जावे। लू (तापघात) प्रबंधन के सम्बन्ध में शिक्षकगण विद्यार्थियों को कक्षाओं में अवगत करावें।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को लू ग्रसित रोगियों की चिकित्सा हेतु आवश्यक दवाइयाँ, भंडार आदि की उपलब्धता सभी शासकीय चिकित्सालयों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में डिपो होल्डर आशा कार्यकर्ता के पास सुनिश्चित की जावे, विशेषकर ओआरएस घोल/ फ्लुइड, लू से उपचार हेतु अन्य दवाइयाँ आदि का पर्याप्त भंडारण रखने के निर्देश दिए जावें। सार्वजनिक स्थलों पर एम्ब्युलेन्स/108 को विशेषकर दोपहर में तैयारी की स्थिति में रखा जावे ताकि किसी व्यक्ति को लू लगने पर उसे तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा सके।
उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अधिकारियों को निर्देशित कर कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की सुविधा सुनिश्चित की जावे, लू-तापघात जनित बीमारियों तथा पानी की कमी से तथा बचाव हेतु उच्च जोखिम में स्थित नागरिकों को साफ पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, नलकूपों, तालाबों के यांत्रिक/ विद्युत फाल्ट की मरम्मत/रखरखाव प्राथमिकता के आधार पर कराकर जल भण्डारण सुनिश्चित किया जावे।
उन्होंने पशु-पालन विभाग अधिकारियों को निर्देशित कर कहा कि पशुओं को लू से बचाव हेतु विभागीय योजना तथा गौपालकों/पशुपालकों को “ पशुओं को लू से बचाव सम्बन्धी ” जानकारी प्रदान करने हेतु जनजागृति कार्यक्रमों का आयोजन करने हेतु मैदानी स्तर के कर्मचारियों को निर्देशित किया जावे, पशु चिकित्सा से सम्बंधित दवाओं और उपकरण की स्थिति का आंकलन एवं स्टोरज किया जावे, पशुओं के लिए पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जावे।

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