आठ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान कराने युगल मुनिराजों का हुआ मंगल आगमन

मुरैना (मनोज जैन नायक) नगर के बड़े जैन मंदिर में आठ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान को सान्निध्य प्रदान करने एवं विधिविधान एवं मंत्रोच्चारण के साथ निर्विघ्न सम्पन्न कराने के लिए दिगम्बर जैन संत युगल मुनिराजों का नगर आगमन हो चुका है ।
शहर के जैन समाज के उपासना स्थल श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर में दिगम्बराचार्य विद्यासागरजी एवं आचार्यश्री आर्जवसागरजी महाराज के शिष्य युगल मुनिराज निर्यापक श्रमण मुनिश्री विलोकसागरजी एवं मुनिश्री विबोधसागरजी महाराज के पावन सान्निध्य एवं आशीर्वाद एवं विधानाचार्य पंडित राजेंद्र शास्त्री (मंगरोनी वाले) ग्वालियर के आचार्यत्व में आठ दिवसीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का भव्य आयोजन 14 नवंबर से 21 नवंबर तक होने जा रहा है । इस भव्य आयोजन में एकसाथ। एक ही मंडप में एक सैकड़ा से अधिक साधर्मी बंधु श्री सिद्ध परमेष्ठियों की पूजन भक्ति आराधना करते हुए अर्घ्य एवं श्रीफल समर्पित करेंगे । पुण्यार्जक परिवार कैलाशचंद, राकेशकुमार, सुनीलकुमार, अजयकुमार, शानू, हिमांशु, अक्षत जैन एवं समस्त पूणारावत परिवार के सौजन्य से होने जा रहे आठ दिवसीय अनुष्ठान में बाहर से आने वाले सभी बंधुओं के आवास एवं भोजनादि की समुचित व्यवस्था की गई है ।
अनुष्ठान में आठ दिन होगें विभिन्न आयोजन
प्रतिष्ठाचार्य पंडित राजेंद्र शास्त्री (मंगरोनी वाले) ग्वालियर ने बताया कि आठ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ शुक्रवार 14 नवंबर को मंगलाचरण, ध्वजारोहण एवं घटयात्रा के साथ होगा । प्रातःकालीन बेला में देव आज्ञा, गुरु आज्ञा। आचार्य निमंत्रण, तीर्थ मंडल पूजन, घटयात्रा, यज्ञ स्थल शुद्धि, ध्वजारोहण, मंडप उद्घाटन, सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मण्डप प्रतिष्ठा, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमह पूजन आदि के पश्चात श्री सिद्धचक्र विधान प्रारंभ होगा । निरंतर आठ दिनों तक सिद्धों की आराधना करते हुए अर्घ्य एवं श्रीफल अर्पित किए जाएंगे । प्रतिदिन अनुष्ठान के मध्य युगल मुनिराजों के प्रवचन होगें । संध्याकाल में महाआरती, गुरुभक्ति, शास्त्र सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा ।
महायज्ञ एवं भव्य रथयात्रा के साथ 21 को होगा समापन
इस भव्य आयोजन के लिए एक विशाल एवं भव्य मण्डप तैयार किया गया है । जिसमें विशेष सामग्री से सिद्धचक्र विधान का अति सुंदर माढ़ना बनाया गया है, उक्त माढ़ने पर प्रतिदिन बढ़ते क्रम में आठ, सोलह, बत्तीस, चौसठ, एक सो अट्ठाइस, दो सौ छप्पन, पांच सौ बारह एवं अंतिम दिन एक हजार चौबीस अर्घ्यों के साथ श्रीफल (नारियल) अर्पित किए जाएंगे । मण्डप की अग्रिम पंक्ति में महा यज्ञनायक कैलाशचंद प्रेमवती जैन, सौधर्म इंद्र राकेशकुमार मीना जैन, कुबेर इंद्र शानू प्रियंका जैन, श्रीपाल मैनासुंदरी हिमांशू सलोनी जैन चांदी के हार मुकुट मणिमाला से सुसज्जित एवं विशेष परिधान में विराजमान रहेगें ।
अनुष्ठान के अंतिम दिन 21 नवंबर को प्रातः विश्व शांति महायज्ञ के आयोजन के साथ विशाल एवं भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी । श्रीजी के अभिषेक के पश्चात सभी के लिए वात्सल्य भोज का आयोजन रखा गया है ।
विद्वतजन कराएगें मंत्रोच्चारण के साथ अनुष्ठान
आठ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान को विधिविधान एवं मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिष्ठाचार्य (पूर्व प्राचार्य) महेन्द्रकुमार शास्त्री, विधानाचार्य राजेंद्र शास्त्री मंगरोनी, चक्रेश शास्त्री, संजय शास्त्री सिहोनिया, नवनीत शास्त्री मुरैना सम्पन्न कराएगें।

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