मच्छरजनित बीमारियों से सुरक्षा के लिए जरूरी है जागरूकता : सीएमएचओ डॉ. बी.के. वर्मा

दतिया, 20 अगस्त 2025-हर साल 20 अगस्त को वर्ल्ड मच्छर डे (World Mosquito Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि साल 1897 में सर रोनाल्ड रॉस ने मलेरिया और मच्छरों के बीच का संबंध खोजा था। 2025 में इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है, क्योंकि आज भी मच्छर दुनिया के सबसे खतरनाक कीट़ों में गिने जाते हैं। ये नन्हें से दिखने वाले कीड़े हर साल लाखों लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जीका जैसी बीमारियों से प्रभावित करते हैं। ऐसे में मच्छरों से कैसे सुरक्षा पा सकते हैं और किन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें ताकि पूरा परिवार मच्छरजनित बीमारियों से दूर और सुरक्षित रहे। इस बार वर्ल्ड मच्छर दिवस 2025 की थीम है “अधिक समतापूर्ण विश्व के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को तेज करना“ (Accelerating the Fight Against Malaria for a More Equitable World) जागरूकता रथ शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को जागरूक करेगा। यह जानकारी देते हुए डॉ. बी.के. वर्मा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दतिया एवं डॉ. राहुल चउदा जिला मलेरिया अधिकारी दतिया के साथ जनजागरूकता वाहन को हरी झण्डी देकर क्षेत्र में भ्रमण के लिए रबाना किया। इस मौके पर श्री चन्दन सिंह दादौरिया सहायक मलेरिया अधिकारी, श्री राजबहादुर सिंह मलेरिया निरीक्षक, फील्ड वर्कर धनीराम रायकवार, मिस्टर, दीपक, दीपक, अशोक शाक्य कार्यक्रम समन्वयक एबेंड, महेश अहिरवार कार्यक्रम समन्वयक एबेंड सहित मलेरिया कार्यालय के फील्ड कर्मचारी उपस्थित रहे।
सीएमएचओ डॉ. वर्मा ने बताया कि छोटे से नजर आने वाले मच्छर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी कई बीमारियां फैला सकते हैं और इलाज में देरी या लापरवाही के चलते व्यक्ति की जान पर भी बन आती है। इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने का मकसद लोगों को इन्हीं खतरों के बारे में जागरूक करना और मच्छरों से बचाव के उपायों के बारे में बताना है।
डीएमओ डॉ. चउदा ने जिले की आमजनता से अपील करते हुए कहा कि घरों के आस-पास ऐसा माहौल रखें जिससे मच्छरों की उत्पत्ति प्रतिबंधित रहे। यानि घरों के आस-पास पानी जमा न होने दें, यदि पानी जमा हो भी गया है तो जमा हुए पानी में जला हुआ इंजन ऑयल डालें, घर में स्टोर किए हुए पानी में खाने वाले तेल का इस्तेमाल करें, जिससे पानी में पैदा होने वाले मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सके। कूलर, गमले, पुराने टायरों, प्लास्टि के कंटेनरों में भरे हुए पानी को समय-समय पर खाली करते रहें जिससे इनमें मच्छर का लार्वा ना पनप सके। इसके अलावा सोते समय मच्छरदानियों का प्रयोग और अन्य मच्छररोधी वस्तुओं का उपयोग करना बचाव के लिए कारगर हथियार साबित हो सकता है।

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