शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दतिया में 19 अगस्त 2025 को भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत वसुधैव कुटुंबकम दिवस मनाया गया

शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दतिया में 19 अगस्त 2025 को भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत वसुधैव कुटुंबकम दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर अरविंद यादव ने भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के सर्व समावेशी एवं सर्व मंगलकारी स्वरूप को प्रकाशित किया। उन्होंने कोविड महामारी जैसे वैश्विक संकट के समय भारत द्वारा विश्व के विभिन्न राष्ट्रों तक पहुंचाई गई मानवीय सहायता को सराहनीय एवं विलक्षण अंतरराष्ट्रीय योगदान के रूप में रेखांकित किया। इस अवसर पर बोलते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर जय श्री त्रिवेदी ने परिवार, कुल, कबीले, ग्राम, नगर, जनपद, राज्य और राष्ट्र सभी सामाजिक राजनीतिक इकाइयों के मूल में अंतर निहित प्रेम और मानवता के दर्शन को प्रकाशित किया। उन्होंने करुणा एवं सेवा को भारतीयता का मर्म बताया। कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर पुनीत प्रताप पांडे ने वैदिक संदर्भ में अभिव्यक्त भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वेदों के सर्वे भवन्तु सुखिन: को भारतीय संस्कृति चेतना की मूल धारा बताया। इस अवसर पर डॉ रजनी, डॉ भावना, डॉ दीपिका दीक्षित, डॉ ममता शर्मा, डॉ अंजना, डॉ प्राची, डॉ निशा, डॉ मंजू, डॉ डीपी अहिरवार , डॉ सुधीर पांडे, डॉ शिव सिंह, डॉ नवीन मगरैया, डॉ राजा सिंह गौतम, डॉ रोहित तिवारी, डॉ अजय माली, डॉ विकास राठौर, श्री आर के पाठक आदि महाविद्यालय परिवार के सम्मानित सदस्य तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम में सहभागिता सुनिश्चित की।

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