डबरा के नंदू का डेरा से 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थलों पर पहुँचाया

ग्वालियर 26 जुलाई 2025/ ग्वालियर जिले में अतिवृष्टि से हुए जल भराव से प्रभावित गाँवों के लोगों के लिये एहतियात बतौर पर्याप्त राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही जहाँ पर अत्यधिक जल भराव हुआ है वहाँ के लोगों को जिला प्रशासन की टीमों द्वारा एसडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के सभी एसडीएम को जल प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे नजर रखने और आवश्यकता पड़ने पर लोगों को तत्काल नजदीकी राहत शिविर में आश्रय दिलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राहत शिविरों में भोजन, पेयजल व प्राथमिक चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम रखने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं।
शनिवार को डबरा विकासखंड के ग्राम नंदू का डेरा में अत्यधिक जल भराव होने की सूचना मिलने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की कार्रवाई की गई। इसी तरह ग्राम खेड़ीरायमल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। एसडीएम श्री दिव्यांशु चौधरी ने बताया कि नंदू का डेरा से एसडीआरएफ की मदद से 50 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 23 लोगों को डबरा के कम्युनिटी हॉल व रैन बसेरा में बनाए गए राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। शेष लोग अपनी सुविधा व इच्छा के अनुसार अपने रिश्तेदारों के यहाँ चले गए हैं। इसी प्रकार ग्राम खेड़ीरायमल के लोगों को एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू कर ग्राम पंचायत खेड़ी रायमल के पंचायत भवन में बनाए गए राहत शिविर में पहुँचाया गया है।
जिले के मुरार विकासखंड के अंतर्गत ग्राम टिहौली के पीछे स्थित बड़ेरा निवासी 55 वर्षीय श्री प्रीतम सिंह कुशवाह के बैसली नदी पर बने रपटे को पार करते समय पैर फिसलने से बहने की सूचना मिलने पर एसडीएम ग्वालियर ग्रामीण श्री सूर्यकांत त्रिपाठी बचाव टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुँचे। एसडीआरएफ की टीम प्रीतम कुशवाह को खोजने में लगी है। एसडीएम श्री त्रिपाठी ने बताया कि मदद के लिये एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया है। उन्होंने बताया कि मुरार विकासखंड के अंतर्गत हस्तिनापुर व बेहट में विशेष राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही अन्य स्थलों पर भी एहतियात बतौर राहत शिविर स्थल चिन्हित कर लिए गए हैं।
एसडीएम भितरवार श्री संजीव जैन ने बताया कि भितरवार क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा को ध्यान में रखकर लगातार सतर्कता बरती जा रही है। निचले क्षेत्रों में स्थित जिन पुल-पुलियों पर पानी बढ़ा है उनको बैरीकेट्स लगाकर आवागमन के लिये बंद कर दिया गया है। जिसमें छीमक – भितरवार मार्ग व देवरा – भानगढ़ पुल पर पानी बढ़ने से आवागमन के लिये बंद करा दिया गया है। इसी तरह क्षेत्र के अन्य पुल-पुलियों पर भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। निचले क्षेत्र के गाँवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क कर दिया गया है। श्री जैन ने बताया कि एहतियात बतौर भितरवार नगर में पाँच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही जिले की हर ग्राम पंचायत के अंतर्गत पंचायत भवन व स्कूलों को जरूरत पड़ने पर राहत शिविरों के लिये चिन्हित कर आवश्यक इंतजाम कराए गए हैं।
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