सिद्ध पीठ श्री गंगा दास जी की शाला महोत्सब में 745 संत शहीद हुए वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की रक्षा करते करते उनकी स्मृति में श्री मद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अबसर पर पूरन बैराठी पीठाधीशुर स्वामी राम सेवक दास जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री मद भागवत कथा श्री १००८ श्री मदन मोहन दास जी महाराज ने प्रभु हमेसा अपने भक्तो के वश में रहते है प्रभु का एक नाम दीन बंधू की कहाँ गया है प्रभु के दीन बंधू नाम को सिद्ध करने के किय सुदामा जी के सुन्दर चरित का वर्णन किया श्री महाराज जी ने वताया की श्री शुकदेव जी ने जितने सम्मान ओर विश्लेषण के साथ उनका नाम लिया उतना किसी ओर के लिए नहीं लिया
हम यह कहते की प्रभु ने सुदामा जी का बहुत सम्मान किया पर यह सोचना चाहिए की प्रभु में सुदामा जी के त्याग ओर समर्पण का सम्मान किया है आज के जीव के पास सब कुछ होने पर भी उस के अंदर संतुष्टि नहीं है पर सुदामा जी के घर में खाने को अन्न नहीं पहन ने को वस्त्र नहीं रहने को छत नहीं फिर भी उन के भीतर परम सांतोष है पर आज के जीव के भीतर सांतोस नहीं है इस लिए सब कुछ होने पर भी शांति का अनुभब नहीं कर पाता इस लिए हमें कथा से हमें यह सीखना है की जीवन में सांतोष होना जरुरी है तभी प्रभु की कृपा होगी कथा में श्री महाराज जी ने कहाँ की हमारा मन बड़ा चंचल है इस चंचल मन को प्रभु के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए मन को प्रभु चरणों में लगाने के तीन साधन बताय विशवास सम्बन्ध ओर समर्पण प्रभु के प्रति हमारा सम्पूर्ण समर्पण होना चाहिए यही सच्ची भक्ति है एवं कथा के विश्राम में गुरु की महिमा का वर्णन किया जीवन में गुरु बहुत ही जरुरी है गुरु ऐसा होना चाहिए की जो हमें संसार चक्र से निकल कर परमात्मा से मिला दे कथा के विश्रम में शुकदेव जी का पूजन किया गाय ओर सुंदर भजनो की प्रस्तुति के भक्तो को झूमने पर विवस कर दिया ओर कथा कृष्ण सुदामा जी की सुन्दर झांकी का दर्सन किया यज्ञ हवन से देवता प्रसन होते है ओर प्रकृति सुद्ध होती है सिद्ध पीठ श्री गंगा दास जी की साला में के अबसर पर पूरन बैराठी पीठधीशुर स्वामी रामसेवक दास जी महारज ने बताया की की किसी भी धार्मिक कार्य की पूर्णता हवन के द्वारा ही सम्पन होती है विगत सात दीन के चल रही भागवत कथा का विश्राम हवन के साथ हुआ महाराज जी ने बताया की हवन करने से देवता तो प्रसन होते ही है उस के साथ प्रकृति भी भी सुद्ध होती हवन की सुगन्धि से अनेक रोगो का नास होता है जल वायु पवित्र हो जाती सिद्ध पीठ में कारिक्रम के आचार्य श्री राम चन्द्र दास जी ने पुरे बिधि बिधान से वेद मंत्रो का उच्चारण करते हुए हवन कराय हवन के की पूर्ण आहुति में पूज्य महंत स्वामी रामसेवक दास जी महाराज इस अवसर पर संत श्री राम दास जी श्री दास जी संत श्री उड़िया बाबा श्री देवेन्द्र सिंह प्रमोद शर्मा श्रीमती इन्द्र प्रकाश शर्मा श्री कमल दुवे श्री राम कुमार कटारे जी
भक्त के वश में है भगवान :श्री १००८ श्री मदन मोहन दास जी महाराज
