
जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं -मुनिश्री विलोकसागर, आज विधान में 128 अर्घ होगें समर्पित
मुरैना (मनोज जैन नायक) मनुष्य के जीवन में गुरु का अत्यधिक महत्व है। “जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं” । गुरु अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक होते हैं। वे हमें सही और गलत का भेद बताते हैं, जीवन के सही मार्ग पर चलना सिखाते…