गिरनार जूनागढ़-विश्व शांति निर्मल ध्यान केंद्र ट्रस्ट गिरनार ,जूनागढ़, गुजरात के तत्वावधान में जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमीनाथ जी का मोक्ष कल्याणक एक 1- 2 जुलाई को परम पूज्य आचार्य श्री सुधींद्र सागर जी महाराज मुनि श्री धरसेन सागर जी महाराज, मुनि श्री अजितसेन सागर जी महाराज के आशीर्वाद व सानिध्य में , संचालन व मार्गदर्शन पीठाधीश क्षुल्लक समर्पण सागर जी महाराज व ब्र. शान्ताबेन, ब्र सुमति भैय्या जी के निर्देशन में , महोत्सव समिति के अध्यक्ष पारस जैन बज अहमदाबाद की अध्यक्षता में, संरक्षक सोभागमल कटारिया अहमदाबाद ,अतिथिगण भारतवर्षीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन गाजियाबाद,राष्ट्रीय महामंत्री संतोष जैन पैंढारी नागपुर, ग्लोबल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमुना लाल हपावत मुंबई, महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजराज गंगवाल दिल्ली, विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन दिल्ली आदिनाथ चैनल के अध्यक्ष पवन गोधा दिल्ली , जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन जयपुर, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद् के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री दिलीप जैन जयपुर के आथित्य में शांतिपूर्ण सौहार्द वातावरण में निर्वाण महोत्सव मनाया गया।
आचार्य श्री सुधीन्द्र सागर जी ने सभी उपस्थित लोगों को आशीर्वचन में कहा कि जिस प्रकार इस बार देश के विभिन्न प्रांतो से भारी संख्या में लोग आए हैं उसी प्रकार प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, प्रति माह, प्रति वर्ष अधिक से अधिक संख्या में समूह के रूप में गिरनार जी की यात्रा के साथ अन्य क्षेत्रों की भी यात्रा अवश्य करें।
अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन युवा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन जयपुर ने अवगत कराया कि समोशरण मंदिर में 1 जुलाई को आचार्य निर्मल सागर जी महाराज का 58 वां दीक्षा दिवस के अवसर पर प्रातः अभिषेक शांति धारा जमुनालाल हपावत व गजराज गंगवाल ने की तत्पश्चात समोशरण मंदिर जी से तलहटी स्थित निर्मल ध्यान तक विशाल श्री जी की रथ यात्रा निकाली गई , मार्ग में बंडी मन्दिर जी में रथयात्रा का स्वागत किया, सभी ने अभिषेक व निर्वाण लाडू के दर्शन किये।
तत्पश्चात निर्मल ध्यान केन्द्र में स्थित 22 फुट उतंग भगवान नेमीनाथ जी की प्रतिमा पर महामास्तिकाभिषेक किये गये व शांतिधारा की गई ।
शांतिधारा बसंत बाकलीवाल परिवार जयपुर साथ में उदयभान जैन जयपुर, थे।
दोपहर को 2:30 बजे दीक्षा दिवस पर आचार्य श्री की पूजा व आचार्य श्री , अतिथि व श्रेष्ठियों ने आचार्य श्री निर्मल सागर जी महाराज के योगदानों का गुणानुवाद किया।
सभा का संचालन महामंत्री ऋषभ जैन अहमदाबाद व समस्त कार्यक्रमों का संयोजन रतन पाटनी संयोजक महोत्सव समिति द्वारा किया गया।
रात्रि को नेमीनाथ भगवान की वैराग्य जीवन गाथा पर आधारित नाट्य विरह और वैराग्य की प्रस्तुति निर्देशिका जैन रत्न साधना मादावत इंदौर एवं रंगशाला टीम द्वारा की गई जो विशेष सराहनीय था ।2 जुलाई को प्रातः 2:00 बजे से ही उपस्थित विशाल जैन समूह ने पहली से पांचवीं टोंक पर पैदल पदयात्रा की, पहली टॉक पर मंदिर जी में लड्डू चढ़ाया तथा पांचवी टोंक पर उल्लास व शांतिपूर्ण तरीके से दर्शन कर पुण्य अर्चित किया ।
दोपहर को 3:00 से धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें आचार्य श्री ने अतिथियों व श्रेष्ठियों द्वारा गिरनार सिद्धक्षेत्र के संबंध में विस्तृत रुप से अवगत कराया गया महोत्सव समिति ने उपस्थित अतिथियों का सम्मान किया गया तत्पश्चात समोशरण मंदिर में स्थित मानस्तंभ के समक्ष 22किलो का प्रथम निर्वाण लाडू श्रेष्ठी, भामाशाह संरक्षक सोभागमल कटारिया अहमदाबाद परिवार एवं ज्ञानचंद महावीर कुमार बडजात्या परिवार कोलकाता ने समवशरण मंदिर में निर्वाण लाडू समर्पित किया तत्पश्चात सभी उपस्थित जन समूह ने निर्वाण लाडू समर्पित किया।
इस बार लगभग 25000 से अधिक देश के विभिन्न प्रांतो से धर्मावलंबियों ने उपस्थित होकर दोपहर को समवशरण मंदिर जी परिसर में स्थित मानस्तम्भ के सामने निर्वाण कांड बोलकर 22 किलो का प्रथम लाडू संरक्षक सोभागमल कटारिया परिवार द्वारा समर्पित किया गया, इसी समय समवशरण मंदिर जी में ज्ञानचन्द महावीर बडजात परिवार कोलकाता द्वारा निर्माण लाडू समर्पण किया गया ।
महोत्सव समिति के संयोजक रतन पाटनी ने बताया कि समिति ने 25000 से अधिक श्रद्धालुओं की भोजन व्यवस्था, आवास, यातायात व्यवस्था व्यवस्था निशुल्क कराई गई।
इस बार विशेष आकर्षण विश्व जैन संगठन की टीम का रहा जो 2200 किलोमीटर की दिल्ली से गिरनार पदयात्रा कर 2 जुलाई को पांचवी टोंक पर शांतिपूर्ण वातावरण में दर्शन किए।
महोत्सव समिति के अध्यक्ष पारस जैन बज ने सभी उपस्थित व अतिथियों, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों का स्वागत व आभार व्यक्त किया।
गिरनार सिध्द क्षेत्र पर तीर्थंकर नेमीनाथ जी के मोक्ष कल्याण पर शांतिपूर्ण रूप से मनाया निर्माण महोत्सव
