नया बाजार जैन मंदिर में चल रहे श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान में चौथे दिन दीप जलाकर की गई सिद्व भगवान की आराधना

ग्वालियर 6 जुलाई! नया बाजार जैन मंदिर में चल रहे श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान में आज रविवार को महावीर भगवान अभिषेक सौधर्म इंद्र सुभाष जैन (मेहगांव), यज्ञनायक अशोक सिंघई और कुबेर इंद्र के रूप में अशोक जैन (भिंड) केे द्वारा की गई। विधान के प्रभु की आराधना करते हुऐ वहां मौजूद श्रृदालुओं ने भगवान की परिक्रमा लगाई।
तदपश्चात पंडित राजेंद्र जैन शास्त्री के मार्गदर्शन में विधान की पूजा अर्चना की गई। जिसमें सिद्ध भगवान के गुणों के अष्टद्रव्य के 32 अर्घ भक्तिभाव से जिनेन्द्र चरणोें में समर्पित किए गये। वहीं सभी ने अपने अपने स्थान पर दीप जलाकर सिद्व भगवान की आराधना की।
भावना और भाषा से जीवन बदल सकता है
धर्म के मार्ग पर चलने के लिए वाणी का संयम अत्यंत जरूरी है – पंडित राजेंद्र जैन शास्त्री
इस अवसर पर पंडित राजेंद्र जैन शास्त्री ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मात्र पुण्य की प्राप्ति के लिए भगवान की आराधना मत करो, हमारा लक्ष्य आत्मा का कल्याण होना चाहिए, जब हम सभी भगवान की भक्ति आत्मकल्याण के लिए करेंगे तब भी पुुण्य तो हमें स्वतः ही प्राप्त होगा। जैसे एक किसान खेत में गेंहू की उपज के लिए मेहनत करता है, उसे भूसा तो स्वतः ही प्राप्त होता है। पंडित जी ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान में शुद्वता का विशेष ध्यान रखो। बाहरी शुद्वता के साथ भावों की निर्मलता भी जरूरी है, तभी हम सभी के द्वारा किए गये अनुष्ठान की सार्थकता होगी। उन्होने ने कहा कि संसार में जानवर और मनुष्य दोनो के पास ही वाणी है, बस अंतर यही है कि जानवर के पास वाणी को अभिव्यक्त करने का माध्यम नहीं है, ईश्वर ने यह कला मनुष्य को ही दी है, उसके पास वाणी, भाषा और अभिव्यक्ति है। अपनी वाणी से मीठा बोलो। कठोर वाणी से तो महाभारत हो जाता है। बस बोलने से पहले यह देखो कि कब, कैसे, किससे, और कितना बोलना है।
आज 64 अर्घ चढ़ाये जायेंगे – आयोजन के मीडिया प्रभारी ललित जैन भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को प्रात 6.30 बजे से भगवान का अभिषेक पूजन होगा, आज विधान में भगवान के मूल गुणों के 64 अर्घ समर्पित किये जायेगें।

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