मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में ग्वालियर में भव्य “सामाजिक समरसता सम्मेलन” आयोजित

ग्वालियर 05 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति में समरसता व ज्ञान की हजारों साल पुरानी गौरवशाली परंपरा है। हमारे पूज्य संत रविदास, कबीर व भगवान गौतम बुद्ध से लेकर अन्य पुराने ऋषि-मुनियों व महापुरुषों ने समरसता की ज्योति जलाई। इसी से हमारे देश में अच्छाई-सच्चाई व मानवता के मूल सिद्धांतों की स्थापना हुई। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भी सामाजिक समरसता व समता का सिद्धांत दिया। साथ ही संविधान में सबको समान अधिकार प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को ग्वालियर में आयोजित हुए “समरसता सम्मेलन” को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा खुशी की बात है कि ग्वालियर की पवित्र धरा से सामाजिक समरसता का आज नया सवेरा आया है, जिसके माध्यम से पूरे प्रदेश में सामाजिक समरसता व सौहार्द्र का वातावरण और मजबूत होगा।
यहाँ राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित हुए “समरसता सम्मेलन” में मुख्यमंत्री डॉ. यादव, केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित अन्य अतिथियों ने संतजन एवं विभिन्न क्षेत्रों में ग्वालियर व प्रदेश का नाम रोशन कर रहीं आधा दर्जन विभूतियों को समरसता सम्मान से विभूषित किया। साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रहे समाज के आखिरी छोर पर खड़े हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किए। सम्मेलन में मौजूद सभी प्रतिभागियों को सामाजिक समरसता की शपथ दिलाई। इसके बाद सामूहिक भोज में भी शामिल हुए। आरंभ में मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों ने भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर सामाजिक समरसता सम्मेलन का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मंत्रिगण सर्वश्री नारायण सिंह कुशवाह व श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री एवं अनुसूचित जाति मोर्चा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य, सूचना आयुक्त श्री उमाशंकर पचौरी, पूर्व मंत्रिगण श्रीमती माया सिंह, श्रीमती इमरती देवी व श्री रामनिवास रावत, पूर्व सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर, श्री अशोक अर्गल व डॉ. भागीरथ प्रसाद, श्री मोहन सिंह राठौर सहित अन्य विधायकगण, भाजपा जिला अध्यक्ष शहर श्री जयप्रकाश राजौरिया व ग्रामीण श्री प्रेम सिंह राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मंचासीन थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समरसता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लम्बे समय तक संगठित व आजाद रहने के लिये हमें भेदभाव को दूर रखना जरूरी है। इसीलिए हमारी संस्कृति अमीरी – गरीबी व ज्ञान में कोई भेदभाव नहीं करती। उन्होंने महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा की मित्रता का उल्लेख करते हुए कहा कि मित्रता का यह उदाहरण पूरे विश्व में अद्वितीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा हम सब देशवासियों के लिये स्वाभिमान की बात है कि भगवान गौतम बुद्ध द्वारा चलाया गया बौद्ध धर्म आज विश्व का सबसे बड़ा धर्म है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इकबाल रचित गीत की पंक्तियां “कुछ बात है हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमां हमारा” का उल्लेख करते हुए कहा कि सामाजिक समरसता व सदभाव की बदौलत ही हजारों वर्षों से तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद हमारा देश मजबूती के साथ खड़ा है।
जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति में सदैव से ज्ञान का जाति से कोई संबंध नहीं रहा है। उन्होंने संत कबीर के दोहे “जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार का पड़ी रहन दो म्यान” का उदाहरण देते हुए महान संत रविदास, त्रेतायुग के महान ज्ञानी अष्टावक्र जी एवं शंकराचार्य जी द्वारा काशी में एक साधारण मगर ज्ञानवान व्यक्ति को अपना गुरू बनाने का उल्लेख किया। उन्होंने जाति प्रथा की कुरीति पर प्रहार करते हुए कहा कि “हरि को भजे सो हरि का होई, जाति-पाति पूछे नहीं कोई”। साथ ही कहा कि रामानुजाचार्य जैसे संतों ने भक्ति की धारा प्रवाहित कर समाज को ज्ञान से आलोकित किया। हम सबको इसी मार्ग पर चलकर देश को और ऊँचाईयों तक ले जाना होगा।
अम्बेडकर धाम के द्वितीय चरण के लिये 12 करोड़ मंजूर किए 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि ग्वालियर जिले के जौरासी में बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की स्मृति में निर्मित किए जा रहे अम्बेडकर धाम के द्वितीय चरण के लिये 12 करोड़ 16 लाख 42 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। लगभग 50 हजार वर्गफुट क्षेत्र में भव्य अम्बेडकर धाम बनाया जा रहा है, जिसमें म्यूजियम, लाइब्रेरी व ऑडिटोरियम इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहाँ पर सामाजिक समरसता सम्मेलन भी आयोजित किया जायेगा।
सामाजिक समरसता हमारे खून में समाई है – केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया 
केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारी संस्कृति व सभ्यता हजारों हजार साल पुरानी है। साथ ही सामाजिक समरसता हमारे खून में समाई है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना हमारी मूल संस्कृति है। इसी भाव के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव देश व प्रदेश को ऊँचाईयों को ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विकास की इबारत लिखने के साथ – साथ सामाजिक समरसता का पाठ पढ़ाने का काम भी किया है। श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि विश्व के 177 देशों में भारत के अलावा ऐसा कोई देश नहीं जहाँ आर्थिक एवं आध्यात्मिक शक्ति का संगम दिखाई देता हो।
प्रदेश में गैर बराबरी दूर करने के लिये हो रहे हैं सार्थक प्रयास – विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर 
विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारे देश का अतीत अत्यंत गौरवशाली है। हमारे पूर्वजों ने हम सभी को एकात्मता के संस्कार दिए हैं। इन संस्कारों को याद रखेंगे तो कोई हमें तोड़ नहीं पायेगा और देश निश्चित ही विश्वगुरू बनकर रहेगा। उन्होंने कहा खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में देश व प्रदेश में गैर बराबरी दूर करने के लिये सार्थक प्रयास हो रहे हैं। श्री तोमर ने यह भी कहा कि “नर सेवा ही नारायण सेवा” हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है। यह मंत्र अगर हम ध्यान में रखेंगे तो हमारा भीतरी आत्मतत्व प्रबल होगा। इससे सामाजिक समरसता भी मजबूत होगी। विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि ग्वालियर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर आयोजित समरसता सम्मेलन इस बात को प्रमाणित करता है कि हमारे मुख्यमंत्री विकास व रोजगार के क्षेत्र में देश को नंबर वन बनाने की प्रतिबद्धता के साथ-साथ समाज में समरसता लाने के प्रति पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं।
सनातन परंपरा ने सदैव सामाजिक समरसता का संदेश दिया है – पूर्व मंत्री श्री आर्य 
पूर्व मंत्री एवं भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि हमारी सनातन परंपरा ने सदैव से सामाजिक समरसता का संदेश दिया है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, महाराणा प्रताप, बाबा साहब अम्बेडकर, संत रविदास, मीराबाई व पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन चरित्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी ने सामाजिक समरसता को मजबूत किया। बाबा साहब ने संविधान के रूप में सभी धर्मों, वर्गों व जातियों को सुरक्षा कवच प्रदान किया।
ग्वालियर की धरती से समरसता का संदेश पहुँचाने की सार्थक पहल – श्री पचौरी 
राज्य के सूचना आयुक्त श्री उमाशंकर पचौरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस सम्मेलन के माध्यम से ग्वालियर की धरती से पूरे प्रदेश व देश में समरसता का संदेश पहुँचाने की सार्थक पहल हुई है। उन्होंने कहा आज हम सब संकल्प लें कि हम सभी प्रकार के मत व मन भेदों को भुलाकर ऐसे प्रयास करेंगे, जिससे भारत माता पूरे विश्व का मार्गदर्शन करे।
इन विभूतियों का हुआ सम्मान 
पद्मश्री एवं राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय विभिन्न सम्मानों से विभूषित हो चुके अंतर्राष्ट्रीय पैरास्वीमर श्री सतेन्द्र सिंह लोहिया, अंतर्राष्ट्रीय पैरा आर्म्स रेसलर विक्रम अवार्डी श्री मनीष कुमार, ब्लड मैन के नाम से विख्यात श्री सुधीर राव दुरापे, प्रतिभावान हॉकी खिलाड़ी कु. सोनिया कुमरे, देहदान का संकल्प ले चुके श्री रतीराम सुमन एवं जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत अपनी ग्राम पंचायत में 10 खेत तालाब व पाँच कुँओं को रीचार्ज करने वाली जिले की ग्राम बासोड़ी की सरपंच श्रीमती गीता बाई यादव ।
इन हितग्राहियों को बाँटे हितलाभ 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अन्य अतिथियों ने पीएमईजीपी योजना के तहत श्रीमती रेखा खेमरिया को लगभग 9 लाख 40 हजार, श्री देवेन्द्र राठौर को लगभग 37 लाख 50 हजार व श्री नागार्जुन को लगभग 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता स्वरोजगारमूलक इकाई स्थापित करने के लिये वितरित की।
कार्यक्रम में संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री, आईजी श्री अरविंद सक्सेना, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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