
संसार का वैभव नाशवान है-मुनि श्री सुयश सागर महाराज
इंदौर। जब तक जीव को संसार के सुख कीमती लग रहे हैं तब तक उसे सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, और सम्यक चारित्र की ना तो कीमत समझ में आएगी और ना ही इन त्रय रत्नोकी प्राप्ति हो पाएगी। यह उद्गार छाबड़ा जी की नसिया गांधीनगर में चातुर्मास कर रहे। श्रंमण संस्कृति के महामहिम पट्टाचार्य विशुद्ध…