इटावा-धर्म,स्वतंत्रता और मानवता की रक्षा हेतु अपने पवित्र शीश का बलिदान देकर गुरु साहिब ने संपूर्ण विश्व को यह प्रेरणा दी कि सत्य और न्याय के लिए खड़ा होना ही मानव–धर्म का परम स्वरूप है।उनका यह अद्वितीय बलिदान भारत की आत्मा में सदैव अमर रहेगा।यह उदगार गुरुद्वारा श्री तेग बहादुर इटावा में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी शताब्दी पर कमेटी के अध्यक्ष तरन पाल सिंह कालरा ने व्यक्त करते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ़ खड़े होकर सनातन और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा की।उन्होंने जाति- आधारित भेदभाव, अंधविश्वास और छुआछूत के खिलाफ़ संघर्ष किया,ताकि हर कोई अपनी पसंद का जीवन जी सके।उन्होंने सभी प्राणियों के प्रति करुणा और दया का भाव रखने की शिक्षा दी।गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि सत्य की रक्षा और दूसरों के अधिकारों के लिए खड़ा होना ही सच्ची मानवता है।आइए,हम सभी गुरु साहिब के आदर्शों को अपने जीवन में धारण करें।गुरुद्वारा श्री तेग बहादुर साहिब में 19 20 21 22, 23, 24 और 25 नवंबर तक श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के पावन अवसर पर नित्य भव्य समागम आयोजित हुआ।जिसमें बच्चों,स्त्री,पुरुष संगत ने शहीदी दिवस पर कविताएं व शब्द गायन किए।मंगलवार को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारा साहिब में सुबह से मत्था टेकने वालों का तांता लगा रहा और संगत ने भारत की संस्कृति की रक्षा, न्याय के लिए व धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले गुरु साहिब जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए।सुबह दो अखंडपाठ की समाप्ति के साथ साथ 35 श्रद्धालु परिवारों द्वारा अपने घरों में किए गए गुरु ग्रन्थ साहिब जी के सहज पाठों की भी समाप्ति की गई।श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर दो घंटे लगातार गुरुवाणी कीर्तन के बाद समूह जनमानस के भले व लोक कल्याण के लिए अरदास की गई।श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर दो घंटे लगातार गुरुवाणी कीर्तन के बाद समूह जनमानस के भले व लोक कल्याण के लिए अरदास की गई।कार्यक्रम समाप्ति के उपरांत श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा के साथ गुरु के लंगर प्रसाद को ग्रहण किया।गुरुद्वारा कमेटी ने 35 सहज पाठ करने वाले परिवारों व लंगर में सेवा करने वाले परिवारों का आभार प्रकट किया।
गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर में गुरु साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर हुआ भव्य समागम

