काॅन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा ग्वालियर व्यापार मेले काे आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए आज एमआईटीएस आर्किटेक्चर विभाग की विभागाध्यक्ष अंजलि पाटिल, कैट के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भूपेन्द्र जैन, जिला संयाेजक दिलीप पंजवानी, महामंत्री विवेक जैन, मुकेश गुप्ता, साधना शांडिल्य ने आयुक्त ग्वालियर संभाग मनाेज खत्री से मुलाकात की। आज की बैठक में मेला परिसर काे एक मास्टर प्लान बनाने के लिए सहमति बनी और मास्टर प्लान के बाद जन प्रतिनिधि केन्द्रीय मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह ताेमर, सांसद भारत सिंह कुशवाह ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ताेमर, मंत्री नारायण सिंह कुशवाह इत्यादि से चर्चा कर मास्टर प्लान काे दिखाया जायेगा। तत्पश्चात राज्य शासन से उस मास्टर प्लान काे पूरा करने के लिए स्वीकृत कराया जायेगा।
आयुक्त मनाेज खत्री ने मेले की वर्तमान स्थिति और भविष्य की याेजनाओं के संबंध में आर्किटेक्चर टीम काे अवगत कराया। टीम के सदस्याें ने बताया कि मेले में सीवर की समुचित व्यवस्था ना हाेने के कारण ओवल फ्लाे हाेता है एवं छतरियाें का विकास भी आवश्यक है।
कैट के प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त काे 12 सूत्रीय ज्ञापन भी भेंट किया। जाे इस प्रकार है-
1- ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में स्थापित दुकानें, शाैचालय, छतरियां, सड़क, सभागार का संधारण किया जाये एवं अत्याधुनिक सुविधाएं व्यापारियाें एवं आने वाले सैलानियाें काे प्राप्त हाें।
2- ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में वर्ष 2002 से स्थापित म.प्र. एक्सपाे फेसिलिटेशन सेंटर काे अत्याधुनिक बनाया जाये एवं उसका उपयाेग वर्षभर हाे, जिसमें स्वदेशी वस्तुओं का क्रय-विक्रय ‘वाेकल फॉर लाेकल‘ के लिए म.प्र. का ‘गेट-वे‘ के रूप में तैयार हाे।
3- ग्वालियर व्यापार मेले के संचालन के लिए सन 1996 में स्थापित ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण का गठन विगत 5 वर्षाें से नहीं हुआ है, इसका शीघ्र गठन किया जाये।
4- ग्वालियर व्यापार मेले में म.प्र. शासन द्वारा मिलने वाली आरटीओ छूट का नाेटििफकेशन 30 नवम्बर तक किया जाये एवं नाेटिफिकेशन कम से कम 5 वर्ष के लिए एकसाथ किया जाये ताे मेले के शुभारंभ एवं समापन की तिथि सुनिश्चित हाे जायेगी।
5- ग्वालियर व्यापार मेले का 120 वर्ष पुराना वैभव पुनः स्थापित किया जाये। मेले में आयाेजित पशु मेला एवं प्रदर्शनी, उद्यान प्रदर्शनी राज्य एवं केन्द्र शासन के विभिन्न विभागाें की लगने वाली प्रदर्शनी, विभिन्न राज्याें के एम्पाेरियम, भारतीय वायुसेना एवं बीएसएफ के कार्यक्रम काे मेले में आयाेजित किया जाये।
6- मेले की धराेहर और विरासत के रूप में आयाेजित हाेने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, अखिल भारतीय मुशायरा, कला एवं संस्कृति के गरिमामयी कार्यक्रम स्टार नाईट बड़े स्तर पर राज्य शासन द्वारा इन कार्यक्रमाें काे अगर किया जायेगा ताे मेले में सैलानियाें का आवागमन बढ़ेगा एवं व्यापार भी बढ़ेगा।
7- म.प्र. शासन / केन्द्र सरकार द्वारा ग्वालियर व्यापार प्राधिकरण काे आर्थिक बजट स्वीकृत किया जाये, ताकि मेले के संधारण और मेला आयाेजन में राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की सहभागिता हाे और राष्ट्रीय पहचान वाले ग्वालियर व्यापार मेले काे उसकी गरिमा के अनुरूप आयाेजित किया जा सके।
8- पार्किंग के नाम पर हर साल अवैध वसूली, मारपीट और असुविधा हाेती है। इसकी माेनिटरिंग कड़ी हाे।
9- बारिश हाेने पर जलभराव हाेता है, एक नाला वहां से गुजरता है। फर्नीचर सेक्टर में सबसे अधिक दिक्कत हाेती है।
10- कई वास्तविक व्यापारियाें के बजाय दलालाें काे दुकानें दे दी गई हैं।
11- पेयजल और टाॅयलेट्स की सबसे अधिक दिक्कत।
12- स्थाई सचिव या जिम्मेदार अफसर हाेना चाहिए, कम से कम 3 साल के लिए। क्याेंकि नया अफसर आता है, कुछ समझ नहीं पाता है और चला जाता है ।
कैट का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही सांसद भारत सिंह कुशवाह के साथ बैठक कर मेले के विकास के लिए बात करेगा
कैट ने एमआईटीएस आर्किटेक्चर विभाग काे लेकर ग्वालियर संभाग आयुक्त से मुलाकात की – मेला परिसर के संधारण एवं सुविधाओं के लिए मास्टर प्लान बनाने का निर्णय हुआ

