इटावा- नवीन कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला सलाहकार समिति (DCC) की उच्च स्तरीय बैठक मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम (IAS) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जनपद की बैंक शाखाओं के समग्र प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा की गई। इस दौरान सीडी रेशियो, वार्षिक ऋण योजना (ACP), डिजिटल लेनदेन, साइबर धोखाधड़ी, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और शिक्षा ऋण वितरण सहित कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया।सीडीओ ने पीएम सूर्य घर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन तथा CM-YUVA, MYSY, ODOP जैसी MSME योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं ऋण वितरण में तेजी लाने पर जोर दिया। साथ ही SHG-CCL के लंबित मामलों की समीक्षा कर समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए।सीडीओ ने जनपद में निम्न CD Ratio पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि किसी भी बैंक का ऋण-जमानुपात 40% से कम नहीं होना चाहिए। जिन बैंकों का CD Ratio 40% से कम है, उन्हें लीड बैंक मैनेजर के माध्यम से स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक शाखाएँ अभियान चलाकर आवास ऋण, शिक्षा ऋण, तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पात्र किसानों को KCC जारी करें, ताकि फसलोत्पादन, पशुपालन एवं मत्स्य पालन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल सके।सीडीओ द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ODOP, माटीकला, ACP, SHG, और PM Swanidhi जैसी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। उन्होंने बैंकों को विशेष सप्ताह आयोजित करने के निर्देश दिए जैसे मुख्यमंत्री युवा रोजगार अभियान सप्ताह, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना सप्ताह ताकि अधिक से अधिक लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ मिल सके।
DLRAC बैठक के दौरान सेंट RSETI के निदेशक अमित सिकरवार को निर्देशित किया गया कि वे उन ब्लॉकों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित कर कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार बढ़ाएँ, जहाँ अभी तक लाभार्थियों को कार्यक्रमों का लाभ कम मिला है।बैठक के अंत में जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड अरुण कुमार द्वारा तैयार की गई संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (PLP) 2026–27 का औपचारिक विमोचन मुख्य विकास अधिकारी द्वारा किया गया। सीडीओ ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2026–27 में जनपद इटावा के लिए कुल ₹4225.27 करोड़ की बैंक ऋण संभाव्यता का आकलन नाबार्ड द्वारा किया गया है, जो वर्ष 2025–26 के लक्ष्यों की तुलना में 30.74% अधिक है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल जिले की वित्तीय आवश्यकताएँ पूरी होंगी, बल्कि जनपद के ऋण-जमानुपात (CD Ratio) में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। नाबार्ड प्रतिनिधि ने बताया कि PLP तैयार करते समय RBI के दिशानिर्देश, राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाएँ, तथा जिला प्रशासन का स्थानीय रोडमैप ध्यान में रखा गया है। अग्रणी जिला प्रबंधक एम एम ठेले ने नाबार्ड द्वारा किए गए ऋण-आकलन के अनुरूप जनपद की वार्षिक ऋण योजना तैयार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।बैठक में RBI के प्रतिनिधि संदीप मिश्र, नाबार्ड से अरुण कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक एम एम ठेले, सभी बैंक जिला समन्वयक, उपायुक्त (उद्योग), जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, तथा विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला सलाहकार समिति डीसीसी की बैठक सम्पन्न, बैंकिंग प्रदर्शन, सरकारी योजनाओं की प्रगति का हुआ विमोचन

