इंदौर- अतिशय क्षेत्र चाँदखेड़ी दिगंबर जैन मंदिर, जो कि लगभग तीन सौ वर्ष प्राचीन जैन धर्मावलंबियों की आस्था का केंद्र है, वहाँ प्रतिवर्ष देशभर से अनेक श्रद्धालु पूजा-अर्चना हेतु भारत वर्ष से समाज जन आते हैं। मंदिर परिसर में यात्रियों हेतु धर्मशाला भोजन शाला आदि की भी व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट द्वारा की गई है। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू एवं जैन राजनीतिक चेतना मंच के अध्यक्ष सुभाष काला ने अपने व्यक्तव में बताया कि मंदिर परिसर में वर्षों से कुछ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी रखी हुई थीं, जिनकी कोई देखरेख नियमित पूजा-अर्चना नहीं होती थी। इस संबंध में ग्राम के प्रमुख नागरिकों एवं चाँदखेड़ी जैन मंदिर ट्रस्ट समिति के बीच आपसी चर्चा एवं सहमति से यह निर्णय हुआ कि उक्त मुर्तियो देवी-देवताओं को अन्य स्थान देकर एवं नया मंदिर बना कर विधि विधान से विराजमान किया जाए, जिससे सभी मुर्तियो देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना सम्मानपूर्वक और नियमित रूप से सम्पन्न हो सके।
इस समझौते के अंतर्गत ग्रामवासियों के निवेदन पर चाँदखेड़ी मंदिर ट्रस्ट समिति द्वारा उक्त नए मंदिर निर्माण हेतु 25×50 =750 वर्गफुट का भूखंड चांदखेड़ी मंदिर ट्रस्ट द्वारा और 21 लाख की सहयोग राशि देने की सहमति दी गई। दद्दू ने कहा कि बहुत ही सोहार्द वातावरण में नगर के पुजारी व ग्रामवासियों द्वारा आपसी सहमति से मूर्तियों का स्थानांतरण किया गया, किंतु कुछ व्यक्तियों के विरोध के कारण उसी दिन पुलिस की निगरानी में मूर्तियों को पुनः पूर्व स्थान पर स्थापित कर दिया गया। इसके बावजूद कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा समिति, पुजारी और ग्रामवासियों के विरुद्ध झूठी शिकायतें व प्राथमिकी दर्ज करवाई गईं, जिससे धार्मिक सौहार्द प्रभावित हुआ।
यह स्पष्ट रूप से उल्लेखनीय है कि उक्त मूर्तियों के स्थानांतरण की कार्यवाही चाँदखेड़ी जैन मंदिर ट्रस्ट समिति द्वारा नहीं की गई थी।
समिति का इस स्थानांतरण कार्य से किसी भी प्रकार का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं था।
यह पूरा कार्य ग्रामवासियों द्वारा आपसी सहमति पत्र देकर अपने स्तर पर किया गया था।
विश्व जैन संगठन के मंयक जैन बताया कि वास्तविकता यह है कि चाँदखेड़ी मंदिर ट्रस्ट समिति का किसी प्रकार की असंवैधानिक या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई उद्देश्य नहीं था।समिति का केवल यह उद्देश्य था कि सभी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना स्समान आदर और भक्ति के साथ नियमितता से हो सके।
जैन राजनीतिक चेतना मंच के अध्यक्ष सुभाष काला ने राजस्थान सरकार और प्रशासन को पत्र लिखकर निवेदन है कि:
उपरोक्त घटना की उच्चस्तरीय निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच कराई जाए। एवं मंदिर ट्रस्ट समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के विरुद्ध की गई झूठी एवं मनगढ़ंत शिकायतों को निरस्त / स्थगित किया जाए।
भविष्य में किसी भी पक्ष द्वारा धार्मिक वातावरण को भंग करने का प्रयास न किया जाए, इसके लिए उच्चस्तरीय प्रशासनिक निगरानी व शांति समिति की बैठक आयोजित की जाए। एवं
मंदिर परिसर में धार्मिक सौहार्द, सामंजस्य एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं। प्रशासन एवं सरकार से अनुरोध है कि इस विषय में त्वरित एवं न्यायसंगत अविलम्ब कार्रवाई की जाए ताकि गांव में आपसी शांति, सौहार्द एवं धार्मिक एकता बनी रहे। दद्दू ने भारत वर्षीय जैन समाज से आह्वान करते हुए कहा कि
समाज जागे और अपनी धर्म संस्कृति एवं अपने अपने आयतनों की सुरक्षा के लिए भारत वर्षीय जैन समाज एक साथ एक अवाज पर खड़ा हो। देखें जेन समाज के साथ किस प्रकार की धोखाधड़ी की गई है
1.संलग्न शपथ पत्र दिनांक 5.11.2025 का जो कि चांदखेड़ी नगर के प्रतिष्ठित व्यक्ति श्री रामबाबू हिन्दू विश्व परिषद तथा गो रक्षक सेवादल के महत्वपूर्ण पदाधिकारी सदस्य/ है द्वारा दिया गया कथन का अध्ययन करें।
2.प्रकरण से संबंधित प्रेस कॉन्फ्रेंस जो कि चांदखेड़ी के प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा की गई थी जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मूर्ति हटाने में चांदखेड़ी ट्रस्ट अध्यक्ष या कमेटी का कोई हाथ नहीं है।
3.प्रार्थना है कि इसी प्रकरण के विषय में
माननीय न्यायालय सेशन न्यायाधीश झालावाड़ के संलग्न जमानती आदेश दिनांक14.11.2025 की कंडिका क्रमांक 6 पर गौर करें
मूर्तियां हटाने में अभियुक्त अध्यक्ष हुकम जैन काका द्वारा चोरी करना सिद्ध नहीं होता तथा अध्यक्ष या सह अभियुक्तों की सहमति भी सिद्ध नहीं होती
चाँदखेड़ी दिगंबर जैन मंदिर परिसर में घटित घटना के संबंध में निष्पक्ष जांच एवं धार्मिक सौहार्द बनाये रखने हेतु अपील

