मुरैना (मनोज जैन नायक) जैनाचार्य सराकोद्धारक ज्ञानसागरजी महाराज के समाधि स्मृति दिवस पर ज्ञानतीर्थ जिनालय में पूज्य गुरुदेव को स्मरण किया गया ।
उत्तर भारत के प्रथम दिगंबराचार्य श्री शांतिसागरजी महाराज (छाणी) परंपरा के मासोपवासी आचार्यश्री सुमतिसागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य षष्ठ पट्टाचार्य सराकोद्धारक आचार्यश्री ज्ञानसागरजी महाराज के 5वें समाधि स्मृति दिवस पर ए.बी.रोड (धौलपुर आगरा हाइवे) पर स्थित श्री दिगम्बर जैन ज्ञानतीर्थ जिनालय में गुरुदेव के भक्तों द्वारा प्रशाल पूजन कर गुरुदेव को याद किया ।
आचार्यश्री ज्ञानसागरजी के परम भक्त सुनीत जैन ठेकेदार ने बताया कि पूज्य गुरुदेव के 5वें स्मृति दिवस पर प्रातः सभी गुरुभक्तों ने सामूहिक रूप से श्री जिनेन्द्र प्रभु का अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन किया । तत्पश्चात सभी गुरुभक्तों ने भक्तिभाव एवं श्रद्धा भक्ति के साथ परम पूज्य गुरुदेव सराकोद्धारक समाधिस्थ आचार्यश्री ज्ञानसागरजी महाराज का अष्टदृव्य से पूजन किया और उनके श्री चरण चिन्हों का पाद प्रक्षालन किया ।
सभी गुरुभक्तों ने पूज्य गुरुदेव को स्मरण करते हुए बताया कि पूज्यश्री ने महावीर जन्म कल्याणक पर जैनेश्वरी मुनि दीक्षा स्वीकार की और कार्तिक कृष्ण अमावस्या को भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव की पावन बेला में श्री दिगंबर जैन मंदिर नसिया जी वारा राजस्थान में आपका समाधि पूर्वक देवलोक गमन हो गया। भगवान महावीर स्वामी जी के जन्म कल्याणक पर दीक्षा ग्रहण कर भगवान महावीर निर्वाणोत्सव की पावन बेला में देवलोक गमन करना यह दर्शाता है कि आप वर्तमान के वर्धमान थे।आपके द्वारा किए गए कार्यों को सदियों तक याद किया जाता रहेगा। सभी ने सराकोद्धारक छाणी परंपरा के षष्ट पट्टाचार्य ज्ञानसागरजी महाराज के 5वें समाधि स्मृति दिवस (15 नवंबर) के अवसर पर गुरु चरणों में कोटि-कोटि नमन किया ।
इस अवसर पर एडवोकेट दिनेश जैन वरैया, सुनीत जैन ठेकेदार, बाबूलाल जैन नंदपुरा, सोनू जैन पलपुरा, अखिल जैन, मनीष जैन, धीरज जैन, अभय जैन, कुसुम जैन, बबिता जैन, सीमा जैन सहित काफी संख्या में गुरुभक्त उपस्थित थे।
समाधि स्मृति दिवस पर ज्ञानतीर्थ में हुआ पूजन और अभिषेक गुरुभक्तों ने याद किया गुरुदेव को

