मुरैना (मनोज जैन नायक) दिगम्बर जैन समाज के उपासना स्थल ज्ञानतीर्थ में वार्षिक मस्तकाभिषेक का आयोजन विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुआ ।
पर्यूषण पर्व के समापन एवं विदाई की बेला में प्रतिवर्ष वार्षिक मस्तकाभिषेक का आयोजन ज्ञानतीर्थ जिनालय में होता है । इस वर्ष का यह भव्य आयोजन आचार्यश्री आर्जवसागरजी महाराज के शिष्य मुनिश्री विलोकसागरजी एवं मुनिश्री विबोधसागरजी महाराज के पावन सान्निध्य में रविवार 14 सितम्बर को हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुआ ।
मुरैना में जन्में परम पूज्य सराकोद्धारक समाधिस्थ आचार्यश्री ज्ञानसागरजी महाराज की पावन प्रेरणा एवं आशीर्वाद से ए बी रोड (धौलपुर आगरा हाइवे) पर एक विशाल एवं भव्य जैन तीर्थ का निर्माण कराया गया था । इस विशाल एवं भव्य जिनालय में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में दर्शनार्थियों का आवागमन रहता है । ज्ञानतीर्थ जिनालय में आने वाले सभी यात्रियों के लिए आवास हेतु धर्मशाला एवं भोजनशाला आदि की समुचित व्यवस्था रहती है । चूंकि उक्त जिनालय हाइवे पर स्थित होने के कारण सड़क मार्ग से ही भगवान आदिनाथ स्वामी की प्रतिमा दिखाई देती है और दर्शनार्थियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है । इस तीर्थ पर जैन साधु संतों के विश्राम हेतु संत निवास एवं आहारचर्या हेतु आहार शाला भी बनाई गई है । मुख्य मंदिर जी के चारों ओर विशाल भूखंड में सभी तरह के पौधे लगाकर सुंदर बगीचा भी क्षेत्र की सुंदरता में चार चांद लगाता है ।
कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठाचार्य संजय शास्त्री सिहोनिया द्वारा किया गया । इस अवसर पर मंचासीन पूज्य मुनिराज विलोक सागर महाराज ने कलशाभिषेक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी को आशीर्वाद प्रदान किया । पूज्य गुरुदेव ने कहा कि हमें महापुरुषों के जीवन चरित्र से कुछ सीखना चाहिए । उनके उपदेशों एवं बताए गए सिद्धांतों पर अमल करते हुए उनके नाम के अनुरूप आचरण रखना चाहिए । आचार्यश्री ज्ञानसागर महाराज ने नगरवासियों को एक अनमोल कृति ज्ञानतीर्थ के रूप में दी है। सभी को इसके विकास में एकजुटता से कार्य करना चाहिए ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण के साथ हुआ । प्रारंभ में श्रावक श्रेष्ठि रूपेश जैन (चांदी वाले) आगरा द्वारा, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन के के जैन चांदी, रूपेश जैन चांदी, अजीत जैन चांदी (सभी आगरा), भूपेंद्र जैन ग्वालियर को प्राप्त हुआ । कार्यक्रम के मध्य में भक्तामर दीप अर्चना का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के दौरान अंबाह नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष जिनेश जैन एवं धौलपुर, राजाखेड़ा, अम्बाह एवं विभिन्न शैलियों से आए बंधुओं ने पूज्य गुरुदेव के चरणों में श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया । इस अवसर पर मुरैना के श्रावक श्रेष्ठि सुमेदीलाल जैन खबरोली एवं प्रेमचंद जैन वंदना साडी सहित सभी अतिथियों का सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक पुनीत जैन वरैया ने बताया कि ज्ञानतीर्थ पर मूलनायक भगवान आदिनाथ स्वामी पर प्रथम कलशाभिषेक करने का सौभाग्य प्रमोदकुमार जैन बलवीर नगर दिल्ली को एवं प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य यतींद्रकुमार संजय जैन मुरैना एवं द्वितीय शांतिधारा करने का सौभाग्य के के जैन (चांदी वाले) आगरा को प्राप्त हुआ । पूज्य गुरुदेव के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य अंबाह नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष जिनेश जैन को प्राप्त हुआ । डॉ कूपन के माध्यम से ऋद्धि कलश द्वारा कलश करने का सौभाग्य भी पांच बंधुओं को प्राप्त हुआ । भगवान आदिनाथ स्वामी पर कलश से जलधारा आते ही उपस्थित सभी बंधुओं ने तालिया बजाकर एवं भगवान की जय जय कार की ।
ज्ञानतीर्थ पर प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान का हुआ मस्तकाभिषेक
