सीडीओ ने बच्चों को गोद मे लेकर की बातचीत, ना सुनने वाले बच्चों को भी सुनाई दिया, तो गदगद अभिभावक सीडीओ के हो गए मुरीद

इटावा-दिव्यांगजन के प्रति अपनी अगाध जिजीविशा को मुख्य विकास अधिकारी, द्वारा पुनः परिलक्षित किया गया जब उन्होने बाल आवाज अभियान के अन्तर्गत कराये गये काॅक्लियर इम्प्लाण्ट बच्चों में हो रही उत्तरोत्तर प्रगति के सम्बन्ध में न केवल फोलोअप लिया, बल्कि इन बच्चों एवं दिव्यांजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित भी किया। उन्होने बच्चों को गोद में लेकर न केवल उनसे बातचीत की अपितु सर्जरी करने वाले चिकित्सालय से वार्ता कर स्पीच थेरपी की निरन्तरता बनाये रखने पर विशेष वल दिया। साथ-ही-साथ 2.5 वर्ष की बच्ची आकृति का दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत कराये जाने हेतु उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (नोडल अधिकारी दिव्यांगजन) को निर्देशित किया, ताकि इस बच्ची का भी शीघ्रा-अतिशीघ्र आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कर काॅक्लियर इम्प्लाण्ट कराया जा सके। बच्चों के साथ आये अभिभावकों ने मुख्य विकास अधिकारी द्वारा चलाये गये अभियान की न केवल भूरि-भूरि प्रशंसा की, बल्कि बच्चों को मुख्य धारा में लाने हेतु अथक प्रयास के लिए हर्षातिरेक के साथ-साथ अपना आभार भी व्यक्त किया गया

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