मुरैना (मनोज जैन नायक) साधु संत किसी समाज की या व्यक्ति विशेष की संपत्ति नहीं होते । वे तो अविरल जल धारा की तरह होते हैं। साधु संतो के खासकर, दिगम्बर साधुओं के कोई मठ या कोई निश्चित निवास नहीं होते । वे तो निरंतर पद विहार करते हुए धर्म प्रभावना करते हैं। दिगम्बर संत जहां भी भक्तों की भक्ति, समर्पण और समाज की एकता देखते हैं वहीं अल्पप्रवास पर स्व कल्याण और प्राणी मात्र के कल्याण हेतु धर्म प्रभावना करते हैं। केवल श्रीफल भेंट करने से चातुर्मास नहीं हुआ करते । चातुर्मास कराने के लिए भक्ति, समर्पण के साथ साथ सामाजिक एकता का होना अतिआवश्यक होता है । सामाजिक एकता के अभाव में कराया गया चातुर्मास सार्थक परिणाम नहीं देगा । हमारा भी चातुर्मास वहीं होगा, जहां की समाज में एकता होगी, भक्ति होगी और समर्पण होगा । उक्त उद्गार जैन संत मुनिश्री विलोकसागर महाराज ने नसियां जी जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।
पूज्य मुनिश्री ने चातुर्मास के संबंध में स्पष्ट शब्दों में कहा कि चातुर्मास के चार माह मन को पावन व पवित्र बनाने का समय होता है । बिखरी हुई समाज में ये सब होना संभव दिखाई नहीं पड़ता । अभी भी समय है, जाग जाओ, अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि बाद में आपको पछताना पड़े।
धर्मसभा के प्रारंभ में आचार्यश्री विद्यासागर के चित्र का अनावरण जैन मित्र मंडल द्वारा एवं दीप प्रज्वलन फाटक बाहर जैन समाज के श्रावक श्रेष्ठियों द्वारा किया गया । पूज्य युगल मुनिराजों के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य वीरेंद्रकुमार जितेंद्रकुमार जैन एवं शास्त्र भेंट का सौभाग्य रमाशंकर जैन, पदमचंद जैन व जैन मित्र मंडल को प्राप्त हुआ । पूज्य युगल मुनिराजों की आहारचर्या पवनकुमार ऋषभ जैन एवं पदमचंद गौरव जैन के यहां संपन्न हुई ।
आज नसियांजी में आचार्यश्री का दीक्षा दिवस समारोह
श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के मुख्य संयोजक अनूप जैन भंडारी ने बताया कि संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का दीक्षा दिवस श्री महावीर दिगंबर जैन नसियांजी मंदिर में 30 जून को प्रातः 07.30 बजे से मनाया जायेगा। सभी भक्तगण अष्टदृव्य से पूज्य आचार्य श्री की पूजन करेंगे । इस पावन अवसर पर गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया है । उक्त समारोह को सान्निध्य प्रदान करने बाबत पूज्य युगल मुनिराजश्री विलोकसागर एवं मुनिश्री विबोध सागर महाराज रविवार को नसियांजी जैन मंदिर पहुंचे । नसियां जी में महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश रखकर, मंगलगीत गाते हुए पूज्यश्री की अगवानी की । नसियां जी में रविवार को प्रातः प्रवचन एवं आहारचर्या संपन्न हुई । आज प्रातः आचार्य विद्यासागर दीक्षा दिवस महोत्सव के उपलक्ष्य में गुणानुवाद सभा का आयोजन भी किया जाएगा ।
बड़े जैन मंदिर से नसियां जी जैन मंदिर लाने एवं ले जाने के समय जैन मित्र मंडल के सदस्यों का सहयोग सराहनीय रहा। बिहार के समय जैन मित्र मंडल के मुख्य संयोजक सतेंद्र जैन खनेता, एडवोकेट धर्मेंद्र जैन, रविकांत जैन रिंकू, विमल जैन राजाखेड़ा, अशोक जैन मेडिकल, नितिन जैन बघपुरा, नरेश जैन टिल्लू, सुनील जैन, पंकज जैन, महेश जैन, विकास जैन, वीरेंद्र जैन, राजकुमार जैन, सुनीत जैन, प्रशांत जैन, शैलेन्द्र जैन, डॉक्टर मनोज जैन, डॉक्टर सतेंद्र जैन, प्रकाश जैन, पारस जैन सहित सैकड़ों की संख्या में साधर्मी बंधु उपस्थित थे ।
जहां समाज में एकता, भक्ति और समर्पण होगा, वहीं चातुर्मास होगा -मुनिश्री विलोकसागर
