प्रकृति पूजा ही वास्तविक गोवर्धन पूजा है : पूज्या महाराज जी

सिद्ध पीठ श्री गंगा दास जी की शाला में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम मे 745 संत शहीदों की स्मृति में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ भागवत कथा में सिद्धपीठ श्री गंगा दास जी की शाला के पूरन बैराठी पीठाधीश्वर स्वामी राम सेवक दास जी महाराज के पावन सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा में पूज्या महाराज जी ने गोवर्धन पूजा की कथा के माध्यम से प्रकर्ति पूजा का संदेस दिया उन्होंने कहा की हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए आज हम सब प्रकृति से छेड़ छाड़ कर रहे है इसलिए आज प्रकृति भी बिपरीत होती जा रही है इस लिए प्रभु ने गोबर्धन पर्बत की पूजा करा कर जन मानुस को यह संदेस दिया की हमें प्रकृति की पूजा एवं रक्षा करना चाहिए ओर हर किसी को जीवन में वृक्ष जरूर लगाना चाहिए कथा में प्रभु की बाल लीला माखन चोरी लीला के माध्यम से समस्त भक्तो को आनंद प्राप्त हुआ कथा के विश्राम में गोबर्धन की पूजा ओर छपन भोग लगाया गया ओर सभी भक्तो ने पूजन किया इस मोके आदि समस्त रामसुखी काटारे शारदा देवी श्रीमती बबली प्रकाश शर्मा श्रीमती इंद्रा शर्मा दीपक शर्मा श्री नरेन्द्र सिंह राजावत जी पूजा शर्मा कामाक्षी शर्मा भक्तों ने भगवान की आरती उतारी । कान्हा ने बिधि विधान से पूजन कराया गया

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