सिद्ध पीठ श्री गंगा दास जी की शाला में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम मे 745 संत शहीदों की स्मृति में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ भागवत कथा में पूरन बैराठी पीठाधीश्वर स्वामी राम सेवक दास जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री मद भागवत कथा में श्री श्री 1008 श्री मदन मोहन जी महाराज,जी ने पंच दिवस में कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाने से पहले बताया की इस धरती पर धर्म की स्थापना एवं भक्तो को आनंद देने की लिए प्रभु अवतार लेते है ओर इस धरा से दुष्टों का का विनाश कर भक्तों को अभय प्रदान कर देते है इसी प्रकार जब भक्त प्रह्लाद ने भगवान को पुकारा तो प्रभु अपने भक्त के लिए खम्ब में से प्रगट हो गए कथा में बताया की अगर माता पिता भी आप को धर्म के विमुख आचरण करने को कहे तो उनको भी त्याग देना चाहिए यही धर्म शास्त्र कहते है कथा में वामन उत्सव भी धूम धाम से मनाया गया राम जन्म की कथा का वर्णन करते हुए कहा की राम जी का जीवन हमें जीना सिखाता है राम चरित्र मानस सिखाती है की राम जैसा पुत्र राम जैसा भाई राम जैसा पति जीवन में हर कोई चाहता है परन्तु यह तभी संभव है जब हर कोई जीवन में धर्म के मार्ग पर चले कथा के विश्राम में कृष्ण जन्म की कथा सुनाई भगवान की सुन्दर झांकी ओर ठाकुर जी को झूला झुलाया गया ओर बहुत सुन्दर बधाइयों का आनंद हुआ सभी संत ओर भक्तो ने आनंद लिया इस मौके पर वृंदावन धाम से पधारे महाराज राम चरण दास जी श्री ओमप्रकाश गुप्ता, श्री नंदकिशोर शर्मा, श्री विनोद गर्ग, श्री रामसुखी कटारे, शारदा देवी, श्रीमती बबली शर्मा, श्रीमती रितु गर्ग, श्रीमती ज्योति गर्ग, मीना शर्मा, श्रीमती इंद्रा शर्मा, श्री मुरली श्रीवास्तव,आदि भक्तों द्वारा भव्य आरती उतारी गई
नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की : पूज्या महाराज जी
