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जिस घाट से गुजरे विद्यासागर, वहां नहीं होगा मत्स्य आखेट

मुरैना (मनोज जैन नायक) दिगम्बराचार्य विद्यासागर महाराज ने बेतवा नदी के जिस घाट से नाव द्वारा रास्ता तय किया था, उस घाट पर मछलियों के शिकार पर रोक लगा दी गई है ।
सकल दिगम्बर जैन समाज, मुंगावली की मांग पर उक्त आदेश जारी किया गया है । ज्ञातव्य हो कि “राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज” के दिनांक 03 दिसम्बर 2018 को देवगढ (उ.प्र.) की नाव से बेतवा नदी के रास्ते सोनाखेडी मुंगावली आगमन के “धन्य अवसर” पर मत्स्य पालन करने वाले ठेकेदार श्री रामलाल सिकरवार द्वारा आचार्य भगवन के समक्ष आजीवन मत्स्य पालन का करोडो का व्यवसाय त्याग कर, आजीवन अहिंसा व्रत का नियम लिया था। मत्स्य ठेकेदार रामलाल सिकरवार के हिंसक व्यापार का आजीवन त्याग करने की बजह से आचार्य श्री का आगमन उनके भक्तों एवं आमजन के लिए आस्था का प्रतीक बन गया।
पूज्य गुरुदेव के अनन्य भक्त अजय जैन दनगसिया अजमेर द्वारा भेजी गई जानकारी के अनुसार आचार्य श्री के समक्ष श्री सिकरवार द्वारा किए गए त्याग की स्मृति को सदैव जीवंत बनाए रखने के लिए सकल दिगम्बर जैन समाज की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुये ग्राम सोनाखेडी ग्राम पंचायत ढिमरौली जनपद पंचायत मुंगावली स्थित किस्ती घाट को मध्यप्रदेश नदीय मत्स्योद्योग नियम 1972 के नियम-03 के तहत मछली पकडने के व्यवसाय हेतु प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है।
सकल जैन समाज अशोक नगर के मांगपत्र को दृष्टिगत रखते हुए जिला पंचायत अशोक नगर के कार्यपालन अधिकारी राजेशकुमार जैन (IAS) ने तुरंत नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आदेश जारी किया

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