कोटा (मनोज जैन नायक) दिगम्बराचार्य की जन्म स्थली के स्कूल का नामकरण जैन संत आचार्य विद्यासागर के नाम करने बाबत सकल जैन समाज समिति कोटा द्वारा लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन दिया गया है।
कोटा जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी सीए अजय जैन द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार दिगम्बराचार्य जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का जन्म कर्नाटक प्रांत के ग्राम सदलगा में 10 अक्टूबर 1946 को हुआ था । बाल्यकाल से ही आपका झुकाव जैन दर्शन की ओर रहा । मात्र 9 वर्ष की अल्पायु में ही आपने जैन दर्शन को अंगीकार करने का मन बना लिया था । केवल 22 वर्ष की यौवन अवस्था में आपने जैनाचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज से 30 जून 1968 में जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण कर संयम का मार्ग स्वीकार किया ।
संत शिरोमणी की उपाधि से सुशोभित आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जैन धर्मांबलियों के नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के संत थे । आपके प्रति जैन एवं जैनेत्तर समाज देवतुल्य श्रद्धाभाव रखते हैं। पूज्य गुरुदेव सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चारित्र की त्रिवेणी थे । आपकी उत्कृष्ट संयम समाधि .18 फरवरी 2024 को डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि में हुई ।
सकल दिगंबर जैन समाज समिति कोटा द्वारा लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम विरला को दिए ज्ञापन में ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी जैन संत पूज्य गुरुदेव की स्मृति को चिरस्थाई रखने हेतु उनकी जन्मस्थली ग्राम सदलगा के स्कूल का नामकरण पूज्य गुरुदेव के नाम पर करने का निवेदन किया है
सदलगा स्कूल का नामकरण आचार्य विद्यासागर रखने की मांग
