सोनल जैन की रिपोर्ट
चैत्र शुक्ला त्रयोदशी को हर घर में और चौरहे पर गूंजना चाहिए जन्म कल्याणक के बधाई गीत – भावलिंगी संत श्रमणाचार्यश्री विमर्श सागर जी महामुनिराज
1.तीर्थकर र भगवान महावीर स्वामी के 2624 वें जन्म कल्याणक महामहोत्सव के उपलक्ष्य में राजधानी दिल्ली में परमपूज्य जिनागम पंथ प्रवर्तक संघ शिरोमणि भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्शसागर जी महामुनिराज के विशाल चतुर्विध संघ के सानिध्य में कैलाश नगर के “श्री महावीर पार्क ” में मनाया गया । 4 अप्रैल से 6 अप्रैल तक त्रिदिवसीय अनुष्ठान के साथ यमुनापार के 10 जिनालयों का सामुदायिक भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक आचार्य संघ के सानिध्य में सम्पन्न किया गया। जिसमें 4 अप्रैल के प्रथम दिवस “श्री महावीर पार्क” में त्रिदिवसीय अनुष्ठान का ध्वजारोहण किया गया और विधिवत् धर्मसभा के प्रारंभ के साथ आचार्य श्री ने भगवान महावीर स्वामी के सर्वश्रेष्ठ दर्शन का मार्मिक उद्बोधन प्रदान करते हुए कहा – “भगवान महावीर का दर्शन भेद-भाव का दर्शन नहीं है भगवान महावीर स्वामी की दर्शन भेद विज्ञान का सर्वश्रेठठ दर्शन है। भगवान के चरणों में चाहे कोई मेंढक पहुंच जाए अथवा कोई सम्राट पहुँच जाए। दोनों ही अपनी भक्ति के अनुसार श्रेष्ठ फलों को प्राप्त करते हैं।”
04 अप्रैल को मुख्य अतिथि के रूप में स्वदेश भूषण जैन अध्यक्ष-पंजाब केसरी, जम्बुप्रसाद जी एवं अनिल गौमल जी रहे। संध्या बेला में सामाजिक संगठनों के नेतृत्व में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गये।
शनिवार 05 अप्रैल की प्रातः बेला में 44 मण्डलीय “श्री 2008 कल्याण मंदिर महार्चना ” आयोजित की गयी । “महावीर पार्क” में आचार्य संघ के सानिध्य में आयोजित महार्चना में यमुनापार से हजारों की संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने सम्मिलित होकर अनुष्ठान को सफल बनाया । संध्याबेला में गुरु भक्ति, टुडेस् सोल्युशन के पश्चात् भजन सम्राट मयूर जैन के द्वारा जन्म कल्याणक अवसर पर भजन संध्या की गयी।
06 अप्रैल की प्रातः बेला से ही कृष्णानगर से कैलाश नगर तक के प्रमुख रास्तों में जैन धर्मानुयायियों की चहल-पहल दिखायी दे रही थी। क्यों? क्योंकि आज कृष्णानगर, शंकर नगर, राजगढ़, शान्ति मौहल्ला, रघुवर पुरा, गाँधीनगर, धर्मपुरा से विशाल रथयात्रा धर्मप्रभावना के साथ कैलाशनगर के श्री महावीर पार्क में निर्मित कुण्डलपुर नगरी के विशाल पाण्डाल में जो आनी थी। प्रातः 09:00 बजे से कृष्णानगर जिनालय से रथयात्रा प्रारंभ हुयी जो प्रमुख मार्गों से होते हुयी 12:30 बजे कैलाशनगर के “श्री महावीर पार्क” में पहुंची। आचार्य संघ की समुपस्थिति में धर्मसभा प्रारंभ हुयी। मुख्य अतिथि के रूप में रहे गांधी नगर के विधायक श्री अरविन्दर सिंह लबली ने कहा – ” भगवान महावीर स्वामी के बताये सिद्धांतों के अनुशरण से आज भी विश्व में शान्ति और मैत्री की स्थापना हो सकती है।
भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्शसागर जी महामुनिराज ने भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के अवसर पर उपस्थित जन -समुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा “आज हम सभी भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक को पूरे उत्साह उल्लास और उमंग के साथ मना रहे हैं। भगवान महावीर स्वामी हमारे शासन नायक तीर्थकर हैं। भगवान महावीर स्वामी का जन्म चैत्र शुक्ला त्रयोदशी के पावन – पवित्र दिवस को हुआ। जब-जब तीर्थकर भगवान इस घरा पर जन्म लेते हैं तब उनके जन्म से 15 माह पूर्व यानि गर्भ में आने से भी 6 माह पूर्व इन्द्र के द्वारा नगरी की रचना, रत्न वृष्टि आदि अतिशय होने लगते हैं। ठीक इसी प्रकार इस वर्ष 2025 को महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव तो “चैत्र शुक्ला त्रयोदशी” 10 अप्रैल को लाल किले पर मनायी जायेगी। किन्तु जिस प्रकार भगवान के जन्म कल्याणक की खुशियाँ जन्म से पूर्व ही भव्य जीवों के द्वारा मनायी जाने लगतीं हैं, उसी प्रकार यमुनापार में मनाया जाने वाला यह रथोत्सव भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के पूर्व होने वाला “प्री- जन्म कल्याणक महोत्सव” है जो पूर्व से चला आ रहा है और आगे भी इसी तरह चलता रहेगा ।
* भगवान महावीर स्वामी के जन्मकल्याणक को और कैसे मनाना चाहिए इस पर प्रकाश डालते हुए आचार्यश्री ने कहा-चैत्र शुक्ला त्रयोदशी का दिन हम सबके लिए परम पवित्र पुण्य दिवस है। इस दिन घर-घर में गीत-संगीत के माध्यम से हर घर में भगवान के जन्म कल्याणक की बधाइया एवं बधाईगीत गंजायमान होना चाहिए। विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा जिनालय में गली-मोहल्लों में एवं नगर के मुख्य चौराहों पर भगवान महावीर स्वामी के जन्म-कल्याणक के बधाई गीत एवं भगवान के अहिंसा प्रधान संदेश एवं संध्याबेला में घर-घर में जिनालयों में, एवं मुख्य चौराहों पर भगवान महावीर स्वामी की मंगल आरती के आयोजन हर्षोल्लास पूर्वक करते रहना चाहिए।
* आचार्यश्री एक और महत्वपूर्ण बिन्दु पर प्रकाश डालते हुए कहा – हमारे समाज की वृद्धि से ही धर्मरक्षा संभव है। अपनी समाज के बीच रहने वाले कुछ ऐसे परिवारों की खोज हमें करते रहना चाहिए जो आर्थिक स्थिति से मजबूत नहीं हैं। ऐसे परिवारों की खोजकर उनके स्वाभिमान की रक्षा करते हुए निष्पृह भाव से उनका सहयोग करना चाहिए ताकि हमारे समाज का हर व्यक्ति हर परिवार धर्म-ध्यान भी निर्विकल्प भाव के साथ कर सकें। यदि भगवान के कल्याणक अवसरों पर हम एक या दो परिवारों का भी सहयोग करते हैं तो अवश्य हीधर्म को मजबूती प्रदान करने में एक हाथ आपका भी होगा।
आचार्य श्री ने अपनी मूल रचना में एक छंद और जोड़ते हुए कहा
महावीर का शुभ संदेश, हरा-भरा हो देश-प्रदेश । प्रेम भाव हो हर दिल में, रहे न मन में राग-द्वेष । जियो जीने दो, हो-हो-२, हर मन को भाये रे ।॥ जीवन है पानी की बूंद, कब मिट जाये रे ॥
100 k.g. चाँदी से निर्मित होगा “श्रीजिन रजत रथ ” परमपूज्य आचार्य श्री की सन्निधि में “कल्याण मंदिर महार्चना ” के मध्य कैलाशनगर के श्रावक श्रेष्ठी “सुभाष जैन (भगत जी) द्वारा सभा के मध्य आहवान किया गया कि इस बार हम रथ माँगकर लाये हैं किन्तु अगली बार श्रीजी हमारे ही रथ में विराजमान होना चाहिए”। आह्वान के पश्चात् आचार्य, श्री से सभी ने आशीर्वाद की याचना की। आचार्य भगवन्त श्री विमर्श सागर जी द्वारा दान की महिमा पर प्रकाश डाला गया और देखते ही देखते दान-दातारों के नाम झाने शुरू हो गये। दूसरे ही दिन 06 अप्रैल को बताया गया कि हमें पूर्ण सफलता मिल चुकी है। कैलाशनगर समाज के वरिष्ठ श्रावक श्रेबीयों ने कहा – “हे आचार्य भगवन् ! यह सब एक मात्र आपके ही आशीर्वाद का अतिशय है जो एक ही दिन में हमें पूर्ण सफलता मिल गयी है।” अब आपके आशीर्वाद – प्रेरणा एवं निर्देशन में हमारे जिनालय का यह रजत रथ तैयार होगा।”
राजधानी दिल्ली के लाल किला मैदान में श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर के तत्त्वावधान में भगवान महावीर स्वामी को बा 2624 वाँ जन्म कल्याणक महामहोत्सव 08-09-10 अप्रैल को भावलिंगी संत आचार्य श्री विमर्श सागर जी (ससंघ 37 पीछी), आन्चान श्री श्रुतसागर जी एवं आचार्य श्री अतिवीर जी मुनिराज के सानिध्य में मनाया जा रहा है।