जैन मंदिर में यांग मंडल विधान का हुआ आयोजन, हवन आहुतियों व मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ कार्यक्रम

इटावा-शहर के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन समवशरण मंदिर, एसडी फील्ड में धार्मिक आस्था और श्रद्धा से परिपूर्ण वातावरण में यांग मंडल विधान तथा यागंमंडल हवन का आयोजन हुआ। यह विशेष आयोजन पल्लवी जैन की स्मृति में किया गया।
पंचम पुण्यतिथि के अवसर पर वेदी, शिखर, कलश एवं ध्वजा पर नवनिर्माण, पॉलिश एवं रंगाई-पुताई के कार्य पूर्ण होने पर वेदी शुद्धि विधान का आयोजन मंदिर कमेटी द्वारा किया गया।सुबह सर्वप्रथम श्रीजी का मंगला अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजा-अर्चना का क्रम शुरू हुआ। केसरिया धोती-दुपट्टा धारण किए पूजारी सुबोध जैन, दिलीप जैन, प्रवेश जैन, पूसी जैन, नितेश जैन एवं अरनव जैन ने पवित्र मंत्रोच्चार के साथ प्रारंभिक पूजा-विधि सम्पन्न कराई। मंदिर प्रांगण में पूरे समय भक्तिमय भजनों एवं मन्त्रों की ध्वनि गूंजती रही।
इसके बाद बालब्रह्मचारी राकेश जैन के निर्देशन में वेदी शुद्धि एवं यागंमंडल विधान सम्पन्न हुआ। विधान के दौरान श्रद्धालुओं ने अलग-अलग चरणों में पूजा, मंडल अर्पण, नवकार वाचन एवं शांति पाठ में सहभागिता की। पूरे कार्यक्रम में जैन परंपरा के वृहद विधान की झलक देखने को मिली।
विधान के अंतर्गत विश्व शांति, परिवारिक कल्याण और मंगलकामना के साथ हवन यज्ञ आयोजित किया गया। हवन कुंड के चारों ओर बैठे श्रद्धालुओं ने पवित्र मंत्रोच्चार के साथ आहुतियाँ समर्पित कीं। जिन श्रद्धालुओं को अग्नि एवं धूप से असुविधा थी, उन्होंने परम्परा के अनुसार चावल के द्वारा ही आहुतियाँ देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हवन में भाग लिया, पूरे समय वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक बना रहा,हवन के उपरांत नवनिर्मित एवं भव्य रूप से सुसज्जित वेदी में श्री पार्श्वनाथ भगवान सहित सभी मूर्तियों को विधिपूर्वक विराजमान किया गया। वेदी के नवीन स्वरूप ने श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और सभी ने इसकी प्रशंसा की।पूरे कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर पुण्य अर्जित किया। मंदिर परिसर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं की आवभगत, प्रसाद वितरण, जल व्यवस्था तथा अन्य व्यवस्थाओं का जिम्मा मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने संभाला

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