भक्ति का कोई मूल्य नहीं आंका जा सकता, भूक्ति अमूल्य है- भावलिंगी संत दिगम्बराचार्य श्री विमर्श सागर जी महामुनिराज
सहारनपुर 16.08.2025-भीड़ भरे बाजार में एक हीरा रखा हो और आपको उसकी सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया हो, वहाँ आप पूरा ध्यान हीरे पर ही केन्द्रित रखते हो। चूंकि हीरा बहुमूल्य है किन्तु जो मूल्यों से भी परे अमूल्य हैं वह एकमात्र जिनेन्द्र भगवान और उनकी भक्ति ही है। जिनेन्द्र भगवान और उनकी भक्ति…

