
गुलदस्ता है यह जगत्, आप क्या चुनते हैं – फल या काँटे- भावलिंगी संत दिगम्बराचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज
सहारनपुर में गूंज रही है “भक्तामर महिमा ” जीवन में अच्छाईयाँ बड़ीं कठनाई से प्राप्त होती है और बुराईयाँ, मानव के के जीवन में हरपल दरवाजा खटखटाती रहती हैं, बड़ी गजब की बात है कि मानव अपने जीवन में गुण चाहता है, अच्छाईयाँ चाहता है लेकिन जब भी बुराईयाँ आपका दरवाजा खटखटाती हैं आप तत्काल…