आधी सदी पुराने महावीर कीर्ति स्तंभ का नव साजसज्जा के साथ भव्य लोकार्पण

ग्वालियर, 09 नवंबर। ग्वालियर महानगर के धार्मिक, सांस्कृतिक जगत एवं स्थापत्य कला की विरासत में आज रविवार को उस वक्त एक और नवीन आयाम जुड़ा जब ओल्ड हाईकोर्ट के समीप आधी सदी पूर्व निर्मित महावीर कीर्ति स्तंभ को नवनिर्माण, जीर्णोद्धार एवं नवीन साज सज्जा के साथ लोकार्पित कर शहरवासियों को समर्पित किया गया। आचार्यश्री 108 सुबल सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित भव्य समारोह में क्षेत्रीय विधायक डॉ. सतीश सिंह सिकरवार ने नगर के जैन समाज के गणमान्यजनों एवं हजारों नागरिकों की उपस्थिति में परिसर में ध्वजारोहण एवं शिलालेख अनावरण कर यह लोकार्पण किया।
महावीर भवन न्यास के मंत्री शरद जैन एवं ग्वालियर जैन समाज के मीडिया प्रभारी ललित जैन भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्वालियर महानगर के इस ऐतिहासिक कीर्ति स्तंभ के जीर्णोद्धार एवं नव साजसज्जा का यह गुरूतर कार्य कई महीनों के अथक परिश्रम से देश के अनुभवी वास्तुकारों के मार्गदर्शन में 2500वां महावीर निर्वाण महोत्सव न्यास, ग्वालियर ने किया है।
डॉ. गंगवाल ने बताई कीर्तिगाथा, भगवान महावीर के 2500वें निर्वाण महोत्सव पर बना था यह स्तंभ
कार्यक्रम के प्रारंभ में इस अभियान के प्रेरणापुंज एवं महावीर निर्वाण महोत्सव न्यास के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र कुमार गंगवाल ने अपने उद्बोधन में इस ऐतिहासिक कीर्ति स्तंभ की स्थापना से लेकर जीर्णोद्धार तक की यात्रा पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भगवान महावीर के 2500वें निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य में कंपू पर महावीर भवन के निर्माण के साथ ही न्यास द्वारा ओल्ड हाईकोर्ट के समीप इस भव्य कीर्ति स्तंभ का निर्माण किया गया था जिसका लोकार्पण 13 अक्टूबर 1975 को तत्कालीन कलेक्टर रामकृष्ण गुप्ता ने किया था। आधी शताब्दी के इस सफर में वक्त के थपेड़ों, पर्याप्त देखरेख न होने के कारण अवांछित तत्वों की इस पवित्र परिसर में आवाजाही के चलते यह कीर्ति स्तंभ अपनी आभा एवं आकर्षण खोता जा रहा था और जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच गया था। इसीलिए महावीर निर्वाण महोत्सव न्यास, ग्वालियर ने इसके जीर्णोद्धार एवं नवसाजसज्जा का कार्य हाथ में लिया और देश के अनुभवी वास्तुकार धीरज बांदिल, दिल्ली के मार्गदर्शन में अपनी पुरानी दिव्यता बिखेरते हुए अब यह कीर्ति स्तंभ नवस्वरूप में है। इसके उपरांत महावीर भवन न्यास के मंत्री शरद कुमार जैन ने अपने संबोधन में कीर्ति स्तंभ से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों साझा की।
महावीर के सिद्धांतों एवं शिक्षाओं पर चलकर ही विश्व का कल्याण संभव :
इस अवसर पर आचार्यश्री 108 सुबल सागर जी महाराज ने धर्मपीठ से आशीर्वचन देते हुए कहा कि भगवान महावीर सिर्फ जैनों के ही नहीं हैं बल्कि जन जन के हैं। उन्होंने कहा कि आज जब समूची दुनिया संक्रमण काल से गुजर रही है, एक देश दूसरे देश को नीचा दिखाना चाहता है और जगत के लोगों में परस्पर राग द्वेष बढ़ता जा रहा है, ऐसे वक्त भगवान महावीर के सिद्धांतों एवं शिक्षाओं पर चलकर ही विश्व का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि जो दूसरों के परोपकार में जीवन लगा देता है, उसका उत्थान स्वमेव ही हो जाता है। उन्होंने महावीर कीर्ति स्तंभ के जीर्णोद्धार एवं नवसाजसज्जा को प्रशंसनीय बताते हुए महावीर न्यास के पदाधिकारियों सहित इस पुण्य कार्य में हाथ बंटाने वाले सभी लोगों को शुभाशीष दिया।
डॉ. गंगवाल ने साबित किया कि सरकार पर निर्भरता छोड़ समाज अपना दायित्व निभाए : विधायक डॉ. सिकरवार
क्षेत्रीय विधायक डॉ. सतीश सिंह सिकरवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि वे बचपन से ओल्ड हाईकोर्ट पर स्थापित इस कीर्ति स्तंभ को श्रद्धापूर्वक देखते आ रहे हैं। उन्होंने इसकी शुरुआती भव्यता और कुछ माह पहले तक की जीर्ण शीर्ण अवस्था दोनों ही देखी हैं। विधायक डॉ. सिकरवार ने कहा कि महावीर न्यास के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र कुमार गंगवाल ने अथक प्रयास कर इस परम पावन स्तंभ का जीर्णोद्धार कराकर सिर्फ जैन समाज ही नहीं बल्कि संपूर्ण ग्वालियर शहर को अनूठी सौगात दी है जिसके लिए डॉ. गंगवाल का नाम आने वाली पीढ़ियां सदैव याद रखेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. गंगवाल ने साबित कर दिया है कि ऐसे दायित्व सरकार पर ही नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि समाज खुद आगे बढ़कर हाथ बंटाता है तो सुखद परिणाम आते हैं। उन्होंने ग्वालियर नगर निगम की ओर से संपूर्ण सहयोग का संकल्प व्यक्त किया। समारोह में उपस्थित क्षेत्रीय पार्षदगण अवधेश कौरव एवं अंकित कट्ठल ने भी विचार रखे।
मंत्रोच्चारण के साथ हुई परिसर की शुद्धि, पद प्रक्षालन किया
कार्यक्रम के प्रारंभ में पंडित चन्दर जी ने मंत्रोच्चारण के साथ परिसर की शुद्धि की। आचार्यश्री का पद प्रक्षालन सतेंद्र वाकलीवाल, आदित्य गंगवाल एवं अमोलक पाटनी ने किया। आचार्यश्री की आरती चंद्रलेखा गंगवाल, प्रीति गंगवाल, नमिता पाटनी एवं अमिता बाकलीवाल ने उतारी। इसके उपरांत आचार्यश्री सुबल सागर महाराज ने कीर्ति स्तंभ परिसर का अवलोकन कर यहां की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली।
मकराना के संगमरमर, धौलपुर के लाल पत्थर और ग्वालियर मिंट से किया नवनिर्माण
इस नवसुसज्जित महावीर कीर्ति स्तंभ की स्थापत्य कला में कई अनूठे प्रयोग किए गए हैं। आम तौर पर स्तंभ में चार भुजाएं होती हैं लेकिन इसे पांच भुजाओं का स्वरूप दिया गया है जिसके निर्माण में राजस्थान के मकराना शहर के उसी सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है जो अयोध्या के राम मंदिर, आगरा के ताजमहल और कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल के निर्माण में प्रयुक्त हुआ था। बाउंड्रीवाल की दीवारों में ग्वालियर मिंट का पत्थर प्रयुक्त किया गया है तो इस चारदीवारी पर धौलपुर के लाल पत्थर की शिला पट्टिकाएं लगाकर उन पर भगवान महावीर की शिक्षाओं को अंकित किया गया है।
विश्व जैन संगठन ने दिए सुझाव, पुलिस प्रशासन ने जताया सुरक्षा का संकल्प
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित दिल्ली से पधारे विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने उपयोगी सुझाव दिए एवं दिल्ली से गिरनार तक निकली पदयात्रा में ग्वालियर में मिले सहयोग एवं भागीदारी को स्मरण किया। लश्कर के सीएसपी रॉबिन जैन ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंटकर कीर्ति स्तंभ परिसर में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का संकल्प लिया। महावीर भवन के न्यासीगण, वर्षायोग एवं पंचकल्याणक समिति के पदाधिकारियों एवं पात्रों, जैन मिलन ग्वालियर के सदस्यगण तथा दिल्ली से आए भक्तों ने भी आचार्यश्री को श्रीफल भेंटकर उनसे शुभाशीष ग्रहण किया।
विशिष्टजनों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंटकर लिया शुभाशीष
कार्यक्रम में रिटा. आईएएस आरके जैन, सोनागिर मंदिर कमेटी के मंत्री बालचंद जैन, चम्पाबाग कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद टोंग्या, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीसी जैन सहित गणमान्यजन की उपस्थिति रही।कार्यक्रम में अनिल शाह, विनोद पाटोदी, हेमंत मित्तल, सुमेर चंद्र पाटनी, प्रतीक जैन, शैलेश जैन, आलोक जैन, सुनील जैन, प्रशांत गंगवाल एवं दीपक बाकलीवाल ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती निशा गंगवाल एवं ललित जैन भारती ने किया तो अंत में आभार व्यक्त धर्मेन्द्र जैन सोनू ने किया।

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