ग्वालियर, 01 नवंबर। “ये चमक, ये दमक, फूलवन मा महक, सब कुछ सरकार तुम्हीं से है…” और “आपकी कृपा से सब काम हो रहे हैं, करती हैं मांजी, नाम हमारा हो रहा है…” जैसे श्रद्धा और आस्था के भावों से लबालब सुमधुर भजनों पर मनोहारी संगीतमय नृत्य प्रस्तुतियां देकर आज राष्ट्रगौरव आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी का अवतरण दिवस मनाया गया। मुरार जैन धर्मशाला में चल रहे श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के दौरान कार्यक्रम स्थल आज शनिवार के दिन कुछ घंटों के लिए स्वस्तिधाम बन गया। स्वस्ति भक्त परिवार द्वारा भव्यता के साथ मनाए गए माताजी के अवतरण दिवस के दौरान विद्वानों ने आर्यिका के धर्म समर्पित अनुकरणीय जीवन, मानव सेवा के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यक्रमों एवं उनके ज्ञानमयी उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए समग्र समाज से उनकी शिक्षाओं को अपने दैनंदिन जीवन व्यवहार में कार्यान्वित करने का आह्वान किया।
गुरुदेव श्री सन्मति सागर द्वारा रचित पुस्तकों का हुआ विमोचन
“मुरार जैन मंदिर के अध्यक्ष दिनेशचंद्र जैन ऐसावाले एवं ग्वालियर जैन समाज के मीडिया प्रभारी ललित जैन भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पावन अवसर पर गुरुदेव श्री सन्मति सागर महाराज द्वारा रचित पुस्तकों “शांतिनाथ विधान” एवं “पार्श्वनाथ विधान” का विमोचन आर्यिकाश्री के शिष्यों ने किया। विमोचन करने वालों में प्रदीप जैन पोली, सुमत जैन मास्टर, राकेश जैन मुन्ना, मनेंद्र जैन, तन्मय जैन एवं मुरार जैन मंदिर के अध्यक्ष दिनेशचंद्र जैन ऐसावाले ने किया। इससे पूर्व सुबह भगवान पार्श्वनाथ का विशेष पूजन एवं अभिषेक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। सैकड़ों की संख्या में उमड़े मां स्वस्तिभूषण के भक्तों ने बारी बारी से प्रभु अभिषेक किया। विशेष बात यह कि भगवान के चरणों में आज की शांतिधारा आर्यिकाश्री स्वस्तिभूषण की ओर से की गई। इसी के साथ विधान में भरत चक्रवर्ती बने ओमप्रकाश जैन एवं अनिल कुमार अभिकुमार जैन ऐसावाले को भी शांतिधारा का सौभाग्य मिला। आज विधान में 64 अर्घ्य अर्पित किए गए। आर्यिका विजयमती माताजी के सानिध्य एवं विधानाचार्य नवीन भैया के मार्गदर्शन में प्रात: से दोपहर तक पूजन चला
जैन मिलन के राष्ट्रीय पदाधिकारी आए, कहा : संतों की चरणरज से पावन हुई गोपाचल की माटी
श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में आज के सत्र में मुख्य आतिथ्य अ.भा. जैन मिलन के राष्ट्रीय प्रचार अध्यक्ष राजेश जैन बंटी एवं जैन मिलन क्षेत्र क्र. 2 के अध्यक्ष महेंद्र जैन ने ग्रहण किया। अतितिद्वय ने आर्यिका श्री विजयमती माताजी को श्रीफल भेंटकर उनसे मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया। इस अवसर पर अतिथिद्वय ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह न सिर्फ उपनगर मुरार बल्कि समग्र ग्वालियर महानगर के लिए अत्यंत गौरव की बात है कि सिद्धक्षेत्र गोपाचल की परम पावन धरा पर इस अष्टाहिन्का पर्व में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान जैसा दिव्य महोत्सव आयोजित हो रहा है। धर्म की प्रवाहना और दुर्लभ संतों की चरणरज से ग्वालियर की माटी पावन हो गई है।
कार्यक्रमों में इन पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की रही मुख्य भागीदारी
श्री सिद्धचक्र महामंडल विधानोत्सव में आज पूजन अभिषेक एवं अतिथियों का स्वागत करते वालों में मुरार जैन मंदिर के अध्यक्ष दिनेशचंद्र जैन ऐसावाले, मंत्री देवेंद्र जैन बड़े लाल, उपाध्यक्ष पारस जैन सर्राफ, उपमंत्री बकुल जैन नायक, कोषाध्यक्ष आशीष जैन आशु, कोठारी धर्मेंद्र नौनेरा, बड़ागांव जैन मंदिर के अध्यक्ष प्रदीप जैन पोली, सुभाष जैन नेताजी, दिलीप नायक, तन्मय जैन, महेश जैन ऐसावाले, मनेंद्र जैन पाली, नवीन जैन नमन आदि प्रमुख थे।
रात्रि में सजी “इन्द्रसभा”, भावुक होने के साथ आनंदित भी हुए दर्शक
रात्रि में सिद्धचक्र महामंडल विधान के मंच पर सांस्कृतिक संध्या सजी जिसमें जबलपुर की भावना जैन एवं टीकमगढ़ के संजय जैन के संयोजन एवं निर्देशन में उपनगर मुरार के स्थानीय कलाकारों की सहभागिता के साथ लोकप्रिय नाटक “इन्द्रसभा” का प्रभावी एवं भावपूर्ण मंचन किया गया। नाटक देख रहे दर्शक कई बार भावुक हुए तो कई बार मनोरंजक क्षणों में आनंदित हुए। इन्द्र और कुबेर सहित सभी पात्रों का अभिनय करने वाले कलाकारों का प्रदर्शन सराहनीय रहा। ग्वालियर जैन समाज के मीडिया प्रभारी ललित जैन भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन धर्मशाला मुरार में विधान महोत्सव के पांचवे दिन कल रविवार, 2 नवंबर को प्रातः 6.30 बजे से पूजन, आराधना, अभिषेक, शांतिधारा, आर्यकाश्री के प्रवचन सहित विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
स्वस्तिभूषण मां के अवतरण दिवस पर खिले श्रद्धा एवं भक्ति के पुष्प

