अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव परिणाम को पलटने की कोशिश करने के एक मामले में गुरुवार को अटलांटा की फुल्टन काउंटी जेल में सरेंडर किया. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, यहां उन्हें गिरफ्तार करके नजरबंद रखा गया. हालांकि इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प को 200,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा कर दिया गया और वे न्यू जर्सी के लिए अपनी वापसी के लिए एयरपोर्ट पर वापस चले गए.
बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने अवैध रूप से जॉर्जिया में 2020 के चुनाव को पलटने की योजना बनाई थी. इसी मामले में उन्होंने सरेंडर किया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक जेल के बाहर बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए थे. यहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया. बता दें कि ट्रंप पर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं.
2024 में फिर राष्ट्रपति पद की दावेदारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि वह 2020 में चुनाव को पलटने की योजना बनाने के आरोप में जॉर्जिया के जेल में सरेंडर के लिए तैयार हैं. बता दें कि साल 2024 में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी करने को तैयार हैं.
ट्रंप के चीफ ऑफ स्टाफ रहे मीडोज ने भी किया सरेंडर
इससे पहले गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रहे मार्क मीडोज ने भी जॉर्जिया जेल के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया. इन पर भी चुनाव में धोखाधड़ी की साजिश रचने का आरोप है. वहीं वाशिंगटन की एक संघीय अदालत ने भी ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को पलटने की कोशिश के दूसरे मामले में भी आरोपी माना था. इस मामले में भी वह कोर्ट में पेश हुए थे.
ट्रंप के साथ 18 लोगों पर लगा आरोप
दरअसल फुल्टन काउंटी के अटॉर्नी फानी विलिस ने पूर्व राष्ट्रपति और उनके 18 साथियों पर आरोप लगाया. इसमें उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने चुनाव में अपनी हार को पलटने की साजिश की. विलिस ने कहा कि इसमें जॉर्जिया के रैकेटियरिंग विरोधी कानून का उल्लंघन किया गया. उन्होंने ट्रंप समेत सभी 19 आरोपियों के खिलाफ रीको कानून के तहत आरोप लगाए.