इटावा-ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते धार्मिक उन्माद, बुलडोजर कार्रवाई और मुस्लिम समाज पर हो रहे अत्याचारों को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है। इस संबंध में पार्टी ने जिलाधिकारी इटावा के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश के आह्वान पर सोमवार को जिलाध्यक्ष शमशाद हुसैन वारसी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यह ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक, संवैधानिक और पंथनिरपेक्ष गणराज्य है, जहां प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है। किंतु वर्ष 2017 के बाद से प्रदेश में धर्म के नाम पर नफरत और उन्माद का माहौल बनाया जा रहा है।पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्य में तथाकथित गौरक्षक संगठनों और कट्टरपंथी समूहों को संरक्षण प्राप्त है, जिनके माध्यम से मॉब लिंचिंग, फर्जी मुकदमे और पुलिस ज्यादती जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।एआईएमआईएम ने बरेली की 26 सितंबर 2025 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि “प्रशासन ने हिंसा रोकने के नाम पर मुस्लिम समाज के निर्दोष लोगों, महिलाओं और नाबालिगों पर बर्बर कार्रवाई की।”
पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान को “असंवैधानिक और अमर्यादित” बताते हुए उसकी भी निंदा की।ज्ञापन में एआईएमआईएम ने कहा कि प्रदेश में न्याय की जगह लाठी और बुलडोजर ने ले ली है, जो लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है। पार्टी ने आरोप लगाया कि हिंदू संगठनों द्वारा खुलेआम नफरती भाषण और हिंसक गतिविधियों के बावजूद शासन-प्रशासन मौन है, जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रदेश में संवैधानिक सरकार नहीं बल्कि धर्म विशेष की सरकार चल रही है।ज्ञापन में महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है कि वे उत्तर प्रदेश सरकार को संविधानसम्मत शासन चलाने के निर्देश दें, और यदि ऐसा न हो तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने पर गंभीरता से विचार किया जाए।
ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष शमशाद हुसैन वारसी, जिला उपाध्यक्ष एहसान खान, जिला सचिव शरीफ खान, मीडिया प्रभारी मोहम्मद शावेज़, मुकारम, अनीस अली, फ्रांस अली, मोहम्मद अलीम, मोहम्मद आसिफ फारुकी, रोहन, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद फैज, अदनान खान, अदनान अली, अयान, अली रहमान, मोहम्मद नईम, नूर मोहम्मद सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे
उत्तर प्रदेश में बढ़ते धार्मिक उन्माद पर एआईएमआईएम ने उठाई राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
