इटावा(जसवंतनगर)-पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन सांगानेर से पधारे शास्त्री श्री श्रेयांश जैन ने सत्य धर्म पर मार्मिक प्रवचन दिया। जसवंतनगर 10 दिन दशलक्षण पर्व पर पधारे शास्त्री श्रेयांश जैन ने
अपने उद्बोधन में कहा कि “सत्य की रक्षा प्राण देकर भी करनी चाहिए।” शास्त्री श्री जैन ने समझाया कि जैसा देखा और जैसा जाना वही सत्य है, लेकिन ऐसा सत्य भी नहीं बोलना चाहिए जिससे किसी का अहित होता हो।
उन्होंने यह भी बताया कि सत्य बोलने की पात्रता और परिस्थितियों का ध्यान रखना आवश्यक है। सत्य ऐसा होना चाहिए जो समाज में कल्याण और सद्भावना को बढ़ाए, न कि किसी प्रकार का विवाद या दुख उत्पन्न करे।
प्रवचन के दौरान उपस्थित श्रद्धालु श्रोतागण भावविभोर हो गए और सत्य धर्म के पालन का संकल्प लिया।
पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन शास्त्री श्रेयांश जैन ने दिया सत्य धर्म का संदेश
