कृषि महाविद्यालय, ग्वालियर में एंटी रैगिंग सप्ताह कार्यक्रम

ग्वालियर। कृषि महाविद्यालय ग्वालियर में दिनांक 12 अगस्त 2025 को ’’एंटी रैगिंग सप्ताह’’ कार्यक्रम का शुभारंग किया गया। इसके अंतर्गत् सर्वप्रथम डॉ सिद्धार्थ नामदेव नेे छात्र-छात्राओं के समक्ष रैगिंग के दुष्परिणाम को समझाया तथा विस्तारपूर्वक एंटी रैगिंग सप्ताह के विषय में जानकारी दी। रैगिंग को परिभाषित करते हुए विभाग प्रमुख डॉ शोभना गुप्ता द्वारा बताया गया की रैगिंग के अंतर्गत किसी छात्र को शारीरिक, मानसिक, या भावनात्मक रुप से परेशान करना या अपमानित करना शामिल हैं। इसमें उत्पीड़न, धमकाना, डराना या किसी भी प्रकार की अवांछनीय क्षति समाविष्ट हैं। उन्होंने बताया कि रैगिंग से प्रभावित छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वभाव पर क्या प्रभाव पड़ता हैं तथा छात्रों को रैगिंग मुक्त परिसर बनाने मेें भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम में शामिल विभागाध्यक्ष सस्यविज्ञान डॉ. आर.एस. चुण्डावत ने एंटी रैगिंग सप्ताह कार्यक्रम को एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया जो छात्रों को उत्पीड़न से बचाने और उनके लिए एक सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण बनाने में मदद करता हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष, कृषि महाविद्यालय, ग्वालियर के अधिष्ठाता डॉ एस. एस. तोमर द्वारा छात्र-छात्राओं को रैगिंग से होने वाले दुष्परिणाम से अवगत कराया गया। उन्होने बताया की रैगिंग में शामिल होने वाले छात्रों को दंडित किया जाता हैं, जिसमें जुर्माना, निलंबन या निष्कासन शामिल हैं, एवम् उन्होने, जूनियरो के साथ एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण साझा करने को कहा। इसके पश्चात् सभी छात्र-छात्राओं के द्वारा अधिष्ठाता महोदय के समक्ष एंटी रैगिंग के विषय पर आधारित पोस्टर एवम् स्लोगन प्रदर्शित किया गया। तत्पश्चात् विद्यार्थिंयो द्वारा ‘‘रैंगिंग एक अपराध हैं, बेहतर हो आप जान ले‘‘, रैगिंग गौरव का नहीं बल्कि शर्म का कार्यं हैं‘‘ जैसे नारो के साथ रैली निकाली गयी। इस अभियान का उद्देश्य वरिष्ठ छात्रों को रैगिंग के नकारात्मक परिणामों के बारे में अवगत कराना था जिससे वे समझ सके कि रैगिंग के कारण गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएॅ, पढ़ाई छोड़ने और चरम मामलो में आत्महत्या तक हो सकती हैं। कार्यक्रम में 37 छात्र-छात्राओं के साथ डॉ सुधीर सिहं, डॉ डी.के. वर्मा एवं डॉ स्नेहा पाण्डेय की भागीदारी रही।

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