हिंडोला झुला उत्सव मे श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ, सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बडी शाला में.
प्पावन स्मृति में प्रतिवर्ष आयोजित होने बाली श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ बड़ी शाला के सभागार में पूर्ण वैदिक विधि विधान से हुआ। कथा प्रारम्भ होने से पहले श्रीमद भागवत जी की शोभायात्रा कलश यात्रा के रूप में शाला लक्ष्मीबाई काॅलनी परिसर में निकाली गई। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद संत समाधियों और गद्दी का पूजन होकर व्यासपीठ और श्रीमद् भागवत जी का पूजन हुआ। इस बर्ष कथा केपरीक्षितः
स्व. श्री वंशलाल कटारे – श्रीमती मुन्नी कटारे. होने से पूजन सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर श्री महंत श्री राम सेवक दास जी महाराज ने भक्त जनों के साथ किया।
कथा के प्रथम दिन कथा व्यास प्रवक्ता वृंदावन वासी श्री मुकेश पचौरी जी महाराज ने श्रीमद् भागवत महा पुराण के महत्व का बर्णन करते हुये कहा कि रामायण व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाती है वहीं श्रीमद् भागवत कथा व्यक्ति की मृत्यु को आनन्दमय बना देती है व्यक्ति के अन्दर से मृत्यु के भय को मिटा देती है अपनी मृत्यु के भय से भयभीत राजा पारीक्षित भागवत कथा सुनने के बाद प्रशन्नता पूर्वक अपनी मृत्यु का वरण करता है
कथा का प्रथम दिन होने से कथा संक्षिप्त रूप से पूरी की। आज कथा के दूसरे दिन ०२ बजे कथा प्रारम्भ होगी। प्रथम दिवस की आरती में संत समाज के अलावा श्रीदस जी,नागाभजन जी,श्री नागा भगत दास जी,श्री राम दास जी,श्री सिया दुलारी शरण जी, घनश्याम दास जी मदनमोहन कटारे-श्रीमती हेमलता कटारे.
सतीश कटारे-श्रीमती नीता कटारे.
रेवती रमन कटारे, कुनाल कटारे.
आयुष कटारे, रिद्धी कटारे मंजुला सिंह काँता कपरौलीया, आदि ने भाग लिया। बड़ी शाला के सभागार में कथा ०२ बजे से ०६ बजे तक हौगी।
रासलीला मे आज
कर्मेती बाई, गोवर्धन डाकू मनोहर लीला हुई बाद मे सभि भक्तों ने आरती