सांसद डिम्पल यादव पर मौलाना साजिद रशीद की टिप्पणी दुखद – अलताफ

इटावा- एचएमएस इस्लामिया इण्टर कालेज के प्रबन्धक और वरिष्ठ समाजसेवी मुहम्मद अलताफ एडवोकेट ने दिल्ली के मौलाना साजिद रशीद के उस बयान की तीखी आलोचना की है जिसमें उन्होंने महिला सांसद डिम्पल यादव के मस्जिद के अंदर पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
उन्होंने कहा कि रामपुर के सासंद जो उस मस्जिद के इमाम भी हैं उनके बुलावे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनकी पत्नी तथा कुछ और सांसद वहां गए थे। मौलाना का यह बयान कि वहां कोई मीटिंग थी, गुमराह करने वाला है।।श्री अलताफ ने कहा कि मौलाना साजिद रशीद को यह बयान देने से पहले सोचना चाहिए था कि हमारे नबी के दौर में जब दूसरे धर्म के लोग आते थे तो नबी उनको मस्जिद में बैठा कर मुलाकात करते थे, उनके इसी मुहब्बत के कारण इस्लाम आज दुनिया भर में मौजूद है। इस तरीके से मौलाना किसी राजनीतिक दल का नुकसान नफा तो नहीं कर पाएंगे लेकिन उन्होंने मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुंचाने की एक नाकाम कोशिश ज़रूर की है। उन्होंने बरेली के मौलाना द्वारा दिल्ली की मुख्यमंत्री से की गई उस गुज़ारिश को भी बेहद गलत व आपत्तिजनक कहा है जिसमें उक्त मस्जिद के इमाम जो सांसद हैं, उन्हें इमामत से हटाने की मांग की गई है। दोनों ही मौलाना एक पार्टी विशेष से लगाव रखते हैं और उन्हें खुश करने के लिए ही उनके द्वारा इस तरह की ओछी हरकत की गई है। उन्होंने कहा कि डिम्पल यादव मर्यादित, शालीन भारतीय परिधान साड़ी पहने थीं। इसलिए उनके वस्त्रों पर टिप्पणी बचकानी हरकत है। श्री अलताफ ने कहा कि इस्लाम हमें सिखाता है कि अगर किसी की कहीं कुछ कमी भी दिखाई दे तो उसे जग जाहिर करने अथवा तंज कसने से बचना चाहिए। महिला सांसद श्रीमती डिम्पल यादव सदैव से बहुत गरिमामय, मर्यादित और शिष्ट स्वरूप में ही दिखाई देती हैं। देश की महिलाएं उनमें अपना आदर्श देखती हैं। ऐसी लोकप्रिय सांसद पर स्तरहीन टिप्पणी से सम्पूर्ण मुस्लिम समाज का सर शर्म से झुक गया है। यह मौलाना वही लोग हैं जो चंद पैसों की खातिर टीवी डिबेट में मुसलमानों को बदनाम करते हैं। उन्होंने अपील की कि बेहतर हो कि मौलाना साजिद रशीद अपना बयान वापस लें यह उनकी और सभी की इज़्ज़त के लिए बेहतर होगा

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