यूक्रेन के रूसी राजधानी मॉस्को पर हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन आग बबूला हो गए हैं. पुतिन ने कहा कि वह नाटो से जंग के लिए तैयार हैं. यूक्रेन ने लगातार कोशिशों के बाद मॉस्को पर ड्रोन स्ट्राइक करने में कामयाब हुआ है. इससे नाराज रूसी विदेश मंत्रालय पहले ही दबी जुबान में नाटो को जिम्मेदार ठहरा चुका है. एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि इस हमले को बिना किसी की मदद के अंजाम नहीं दिया जा सकता. अब राष्ट्रपति पुतिन के सीधे ऐलान के बाद माना जा रहा है कि पश्चिमी सैन्य संगठन से वह भिड़ने का पूरा मूड बना चुके हैं.
यूक्रेन ने मॉस्को पर सबसे पहला ड्रोन अटैक 24 अप्रैल को किया था. यह ड्रोन 100 किलोमीटर की दूरी पर जाकर क्रैश हो गया. 3 मई को रात 2 बजे यूक्रेन ने दो ड्रोन अटैक किए. इसके बाद 17 मई, 30 मई, 4 जुलाई और 24 जुलाई को भी हमला किया. हालांकि, यूक्रेनी सेना हमलों में नाकाम रही. हालिया स्ट्राइक में मॉस्को की दो ऑफिस बिल्डिंग को नुकसान हुआ है. कोई हताहत की खबर नहीं है. हमले के बाद सड़क मार्ग प्रभावित हुआ. शहर के एयरपोर्ट को भी बंद करना पड़ा.
तीन ड्रोन दागे, एक को किया इंटरसेप्ट, दो कर गया क्रैश
रूसी विदेश मंत्रालय का दावा है कि सेना ने तीन यूक्रेनी ड्रोन को इंटरसेप्ट किया है. रूस ने इस हमले को आतंकी हमले की कोशिश बताया है. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि एक ड्रोन को मार गिराया गया, जबकि दो को इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर द्वारा इंटरसेप्ट करने की कोशिश की गई जो बिल्डिंग पर जाकर क्रैश कर गया. इस हमले में यहां एक शख्स के घायल होने की खबर है. मॉस्को के मेयर ने बयान में बताया कि बिल्डिंग का बाहरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है.
मॉस्को पर हमला पुतिन के लिए खतरे की घंटी
यूक्रेन ने रूसी राजधानी पर इस हफ्ते यह तीसरी बार हमला किया है. वहीं अकेले जुलाई महीने में यह चौथा हमला था. इससे पहले शुक्रवार को यूक्रेन ने एक के बाद एक पांच ड्रोन स्ट्राइक किए. हालांकि, रूसी सेना ने सभी ड्रोन को इंटरसेप्ट कर मार गिराया. राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के लिए मॉस्को पर हमला एक खतरे की घंटी साबित हो सकती है. मसलन, फरवरी 2022 में अटैक के बाद रूस ने जिन क्षेत्रों पर कब्जा किया था, उनमें अधिकतर क्षेत्रों को यूक्रेन वापस हासिल कर लिया है. ऐसे में रूस में उनकी साख कमजोर सकती है.