भिण्ड 26 जून 2025/अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस भिंड में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत नशा मुक्त भारत अभियान के तहत महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आर ए शर्मा के मार्गदर्शन और निर्देशन में किया गया।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को मादक पदार्थ की सेवन से बचाव और उनकी तस्करी पर रोकथाम हेतु जागरूकता था। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक प्रो मोहित कुमार दुबे ने बताया कि नशा मुक्त जीवन जीने के लिए परिवार और दोस्तों का सहयोग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। यदि समाज भी इस समस्या के खिलाफ एकजुट हो जाए, तो नशे पर काबू पाया जा सकता है। एक नशा मुक्त समाज न केवल स्वस्थ बल्कि सशक्त भी होता है। हमें इस दिशा में जागरूकता फैलाने और एकजुट होकर काम करने की जरूरत है ताकि नशे को जड़ से खत्म किया जा सके।
प्रो अभिषेक यादव ने बताया नशा आज के समय में एक गंभीर समस्या बन चुका है जो व्यक्ति के शारीरिक मानसिक और सामाजिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है। यह न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है बल्कि व्यक्ति के परिवार और समाज पर भी इसका गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शराब तंबाकू सिगरेट ड्रग्स जैसे नशे के पारंपरिक रूप तो आम हैं ही लेकिन आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया की लत ने नशे का एक नया और खतरनाक रूप ले लिया है। ये आदतें धीरे-धीरे व्यक्ति को वास्तविक जीवन से दूर कर देती हैं और उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर बना देती हैं। डॉ रवि जैन ने कहा नशा व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे हृदय रोग फेफड़ों की समस्याएं कैंसर और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। यह न केवल शारीरिक क्षति पहुंचाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को कमजोर बना देता है।
नशा परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। परिवारों में कलह, आर्थिक समस्याएं, और रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती है। समाज में अपराध बेरोजगारी और असंतोष की स्थिति उत्पन्न होती है। डॉ आशीष गुप्ता ने बताया कि नशा एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे खत्म किया जा सकता है यदि व्यक्ति, परिवार और समाज मिलकर प्रयास करें। हमें नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और नशा मुक्त जीवन को बढ़ावा देने के लिए एकजुट होना चाहिए। नशा मुक्त समाज ही हमारे देश को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जा सकता है। इसलिए हमें नशे से बचने और दूसरों को भी बचाने के लिए दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय स्टॉफ उपस्थित रहा।
नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
