इटावा-शहर कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव नेता अम्बुज त्रिपाठी ने भाजपा एवं संघ द्वारा इमरजेंसी बरसी मनाये जाने पर जमकर हमला बोला भाजपा संघ नेताओं से सबाल पूछने की झड़ी लगा दी अम्बुज त्रिपाठी ने पूछा पिछले 11 साल से एक अघोषित और कायराना आपातकाल लागू है, वरना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कम से कम एक बार प्रेस का सामना करते। इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र के अंदर संवैधानिक उपाय का सहारा लिया, लेकिन फिर जनता और प्रेस का सामना किया। अपनी सफाई भी दी और गलती भी मानी। क्या आज भाजपा संघ में से कोई बताएगा कि देश की सारी संवैधानिक संस्थाओं को गुलाम बना लेना कौन सा काल है जो इस सरकार ने गुलाम बना कर रखा है कांग्रेस नेता अम्बुज त्रिपाठी ने आगे पूछा आपातकाल की बरसी मनाने वाले संघ परिवार को यह भी बताना चाहिए कि खुद RSS ने आपातकाल का समर्थन क्यों किया था आपातकाल की निंदा करने वाले RSS का नाम क्यों नहीं लेते कांग्रेस नेता ने कहा
आपातकाल पर प्रधानमंत्री ने आधा दर्जन ट्वीट कर डाले,
लेकिन दो साल में एक शब्द ‘मणिपुर’ नहीं लिख पाए।
इंदिरा गांधी जीवित थीं तब प्रधानमंत्री जी स्वयंसेवक थे। तब इनका संगठन उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ता था। आज उनकी मौत के 40 बरस बाद उन्हें कोस रहे हैं क्योंकि वे जवाब देने के लिए जीवित नहीं हैं।
मणिपुर के 32 लाख लोग हिंसा व हत्याएं झेल रहे हैं, शिविरों में रह रहे हैं और दो साल से आपके मुंह खोलने का इंतजार कर रहे हैं। आपके निकम्मेपन ने एक राज्य बर्बाद कर दिया।
खुद की असंख्य नाकामियों पर पर्दा डालने का सबसे अच्छा तरीका है कि इतिहास में विलेन ढूंढे जाएं। कांग्रेस नेता अम्बुज त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुये पूछा प्रधानमंत्री ने कहा कि “जब देश में आपातकाल लगाया गया, वे आरएसएस के युवा प्रचारक थे।”वे ये बताना भूल गए कि उनके संगठन आरएसएस ने भी आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। सरसंघचालक बाला साहब देवरस ने इंदिरा गांधी को चिट्ठियां लिखकर तारीफ/समर्थन किया था
इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र के अंदर संवैधानिक उपाय का लिया सहारा
