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अहमदाबद के गोलालारे जैन समाज के द्वारा अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गन्ने के रस का वितरण किया गया

अहमदाबद गुजरात के गोलालारे जैन समाज के अध्यक्ष नीरज जैन, पदम चंद जैन, सीमा जैन, बेटी परिधि जैन एवं बाहुबली गुलाबचंद जैन परिवार की और से अक्षय तृतीया महापर्व बड़े ही हर्षउल्लास के साथ मनाया गया जिसमे यशस्वी ईडन पालड़ी चंद्र नगर की सभी महिला मंडल ने मिलकर गन्ने का रस वितरण कर अक्षय तृतीया महापर्व मनाया। अध्यक्ष नीरज जैन ने बताया की जैन धर्म में अक्षय तृतीया पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान आदिनाथ ने सबसे पहले समाज में दान के महत्व को समझाया था भगवान आदिनाथ राज-पाठ का त्याग करके वन में तपस्या करने निकल गए. उन्होंने वहां 6 महीने तक लगातार ध्यान किया. उसके बाद उन्हें अगले 6 महीने तक आहार की विधि नहीं मिली और इस तरह लगभग एक साल से ज्यादा का समय बीत गया. हस्तिनापुर के राजा श्रेयांस बहुत ज्ञानी राजा थे और उन्हें आहार विधि का भी ज्ञान था, अदि मुनिराज को देखकर उन्होंने आहार दान की प्रक्रिया शुरू कर दी और सबसे पहले मुनिराज को इक्षुरस यानी कि गन्ने के रस से आहार कराया. और इसी तरह राजा श्रेयांस और राजा सोम के घर सबसे पहले तीर्थंकर मुनिराज के आहार हुए

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