इन्दौर। जहां सारा शहर लौकिक शिक्षा की ओर भागता जा रहा है, वहीं बच्चों को सुसंस्कारवान बनाने के लिये श्री दि. जैन कुन्दकुन्द परमागम ट्रस्ट, साधना नगर, ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री विजय बड़जात्या एवं सहयोगियों के प्रयास से पिछले 24वर्षों से लगातार जैनत्व बाल संस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस 25वें रजत जयंति वर्ष भी आठ दिवसीय जैनत्व बाल संस्कार शिक्षण शिविर का शुभारंभ 23 मार्च 2025 से हुआ। जैनत्व बाल संस्कार शिविर के अंतर्गत साधना नगर जिनालय पर आयोजित आठ दिवसीय शिविर का समापन दिनांक 30.03.2025 रविवार को प्रातः 09:00 से 11:30 बजे तक श्री चंदाप्रभु मांगिलक भवन सम्पन्न में हुआ। ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय बड़जात्या एवं महामंत्री सुशील काला ने बताया कि कार्यक्रम में लगातार आठ दिनों तक शिक्षा प्रदान करने वाले बाहर से पधारे विद्वानों का अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया एवं साथ ही शिविर के दौरान विभिन्न कक्षाओ में सर्वश्रेष्ठ बालक-बालिकाओं को उपहार एवं प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। साथ ही संपूर्ण शिविर में 3 छात्रों को शिविर प्रतिभा सम्मान से भी सम्मानित गया। इसके पूर्व सभी बच्चों की परीक्षायें आयोजित की गई। शिविर के दौरान लगभग 550 बच्चों को जैन धर्म के संस्कारों का रोपण किया। आठ दिवसीय इस संस्कार शिविर में बच्चों को चरित्रवान बनाने के प्रत्येक गुणों का बीजारोपण किया गया। बच्चे प्रथम दिन से निर्धारित समय के अनुसार मंदिरजी प्रांगण में उपस्थित हो जाते थे। उनके आने-जाने की व्यवस्था के लिये ट्रस्ट द्वारा बस की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई थी। सभी बच्चों को पूजन के बाद नाश्ता दिया जाता था। उसके बाद सभी की एक सामूहिक कक्षा का आयोजन होता था। जिसमें सभी बच्चों को नैतिकता के प्रमुख अंगो के साथ ही आचरण संबंधी पाठ पढ़ाया जाता था। उसके पश्चात अलग अलग कक्षायें और अंत में सामूहिक भोजन के बाद बच्चें वापिस अपने-अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते थे। इस आठ दिवसीय शिविर में बच्चों द्वारा विभिन्न प्रतिभा प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी किया गया। शिविर के दौरान शहर के कई वरिष्ठ समाजसेवी अवलोकनार्थ पधारे।
समाजजन, श्रेष्ठीजन व विद्वतवर्ग की उपस्थिती में कार्यकर्ताओं के उत्साह के साथ सम्पन्न हुये इस शिविर में पं. रीतेशजी शास्त्री सनावद एवं पं. अशोकजी शास्त्री राधौगढ़ की प्रमुख भूमिका के साथ पं. टोडरमल स्मारक विद्यालय के शास्त्री विद्वान, साथ ही बांसवाडा, कोटा एवं आत्मार्थी विद्यालय दिल्ली के विद्वानों की उपस्थिती में यह शिक्षा का यह अभियान होता आया है। बच्चों में जैनत्व एवं जीवनोपयोगी संस्कार डालने का यह आज देश में सर्वाधिक सफल आयोजन में से एक है।
शिविर के मुख्य संयोजक विजय जी बड़जात्या ने बताया कि इस शिविर की यह मुख्यता रही है कि ‘‘यह शिविर पिछले 24 सालों से लगातार संचालित हो रहा है। यह ही एक ऐसी संस्था है जो इस प्रकार की गतिविधी लगातार संचालिक कर रही है और यह शिविर पूर्णतः निःशुल्क रहता है। जो कि बहुत ही गौरव की बात है।‘‘ शिविर में आने वाले बच्चों के लिये शिविर से संबंधित प्रत्येक सामग्री निःशुल्क प्रदान की जाती है।
समापन का संचालन विजयजी बड़जात्या, पं. रीतेशजी शास्त्री ने किया। मंगलाचरण राजेशजी काला द्वारा किया गया। पुरस्कार वितरण में तेजकुमारजी गंगवाल, सुशीलजी काला एवं आमंत्रित अतिथीयों ने किया। आभार ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पदम पहाडिया ने माना। अध्यक्ष विजय बड़जात्या ने सभी बच्चों को अगले वर्ष पुनः इसी उत्साह से फिर मिलने की मंगल भावना एवं स्वीकृति बच्चों से ली।
इस शिविर को सफलता के शिखर पर लाने के लिये अनेक सहयोगियों का साथ रहा है। इसकी अलग-अलग व्यवस्था के लिये छोटी-छोटी समितियों का गठन किया गया, जिसमें भोजन व्यवस्था के लिये सुनील जैन, लादूलाल काला, जितेन्द्र जैन, मनोज जैन, प्रकाश जैन नरसिंगपुरा, मनोज पंडया, जिनेन्द्र जैन, रुपेश अजमेरा, ललित गंगवाल, निलेश जैन, अनिल जैन बेडिया, संजय कागदी आदि थे। विद्वतवर्ग व्यवस्था के लिये रीतेश जैन, मनीष वत्सल, राजकुमार जैन, योगेश जैन, अर्पित अजमेरा। किट वितरण एवं कक्षा व्यवस्था में उमंग जैन, ज्ञाता जैन यातायात व्यवस्था के लिये योगेश पंचोली, मनोज पाटनी, राजकुमार जैन, आशीष जैन, पंकज जैन, निलेश जैन, मधु कासलीवाल, पिंकी जैन। मीडिया व प्रचार-प्रसार हेतु महावीर जैन, भावेश जैन के साथ अन्य सभी साधर्मीजनों व सहयोगियों ने पूर्णतः साथ दिया। साथ ही साथ महिला मंडल की सभी सदस्या इन्द्रा बड़जात्या, मीनल बड़जात्या, भावना जैन, शोभाजी काला, नीलू गंगवाल, आराधना कागदी, प्रेरणा संघवी, संगीता जैन, शिरोमणी जैन व अन्य एवं यंग जैन प्रोफेशनल, अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के सभी युवा साथियों का पूरे जोश के साथ सहयोग मिलता रहा, जो कि बहुत ही सराहनीय था। प्रचार प्रसार निलेश जैन किया
उपरोक्त समस्त जानकारी विजयजी बड़जात्या ने दी।
साधना नगर जिनालय पर आयोजित आठ दिवसीय जैनत्व बाल संस्कार शिक्षण शिविर का समापन
