मुरैना. चैत्र माह की शनिश्चरी अमावस्या पर मुरैना जिले के एंती ग्राम स्थित शनि मंदिर में रात्रि 12 बजे से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था पनौती के रूप में यहां पर कपड़े, जूते, चप्पल छोड़ने की मान्यता है. बताया जाता है कि यहां जूते, चप्पल, कपड़े छोड़कर जाने से शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलती है.शनि अमावस्या के संयोग में साढ़ेसाती व ढैया वालों ने श्रेष्ठ फल की कामना में विशेष पूजा की। इस मौके पर जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया गया। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा
पनौती समझकर छोड़ते हैं कपड़े
शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालु भगवान को लोहा, तिल, नमक, काला कपड़ा, तेल दान करते हैं. इसके अलावा, भक्त घाट पर स्नान के बाद पहने हुए कपड़े व जूते-चप्पल को पनौती के रूप में वहीं छोड़ जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने की परंपरा सदियों पुरानी है, जिस पर भक्त आज भी अमल करते है.