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बांग्लादेश में तख्ता पलट शेख हसीना ने छोड़ा देश

नई दिल्ली। क्या हमारा पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश भी म्यांमार और पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है? या फिर चीन की चालबाजियों के आगे लोकतंत्र ने घुटने टेक दिए हैं। कई दिनों से बांग्लादेश में चल रहा आंदोलन अब उग्र हो चला है और हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा है। बेकाबू आंदोलनकारियों के आगे कानून-व्यवस्था ने लगभग दम तोड़ दिया है। राजधानी ढाका हुड़दंगियों के हवाले हो चुकी है और प्रधानमंत्री निवास में अराजकता के निशान चारों ओर दिखाई दे रहे हैं। गृहमंत्री का घर आग के हवाले हो चुका है और सत्ताधारी पार्टी के दफ्तर को जला दिया गया है। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के निर्माता और शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को भी तोड़ दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना को कई दिनों पहले ही यह समझ आ गया था कि देश की कमान उनके हाथों से निकल चुकी है। सोमवार को वो अपना विदाई भाषण दे ही रहीं थीं कि अचानक आंदोलनकारी वहां पहुंच गए और हसीना को जान बचाकर भागना पड़ा।उधर, ढाका में सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने लोगों से शांति बहाली की अपील की है। बांग्लादेश अखबार प्रोथोम आलो के मुताबिक, प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद बहन रेहाना संग मिलिट्री हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गईं। बांग्लादेश में सेना बनाएगी अंतरिम सरकार सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने शेख हसीना के इस्तीफे की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब सेना अंतरिम सरकार बनाएगी। हम हालात काबू में ले आएंगे। भरोसा रखें । 300 की मौत और हजारों घायल बांग्लादेश पिछले एक महीने से हिंसा की आग में धधक रहा है। शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। हाईवे और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले छात्रों पर पुलिस गोली मारने के साथ में आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। इसमें 300 से ज्यादा की जान गईं और हजारों घायल हुए। अनिश्चितकाल के लिए लगा कफ्र्यू हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। बाजार, बैंक और कंपनियां बंद कर दी गईं। स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई। प्रदर्शन को दबाने के लिए देश में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी गई।हसीना की पार्टी के छह नेताओं की मॉब लिंचिंग प्रदर्शनकारियों ने नरसिंगडी जिले में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के छह कार्यकर्ताओं को मॉब लिंचिंग कर मार डाला। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर में प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला था, जिसे लेकर अवामी लीग के कार्यकर्ता नाराज हो गए थे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस पर भड़के प्रदर्शनकारियों ने पलटवार किया। अवामी लीग के कार्यकर्ता डरकर एक मस्जिद में छिप गए, जहां से निकालकर उनको पीट-पीटकर मार डाला। शेख हसीना का इस्तीफा क्यों मांग रहे प्रदर्शनकारी? नौकरियों में आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी हिंसा और मौतों क लिए हसीना सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। वहीं हसीना के विरोधी और मानवाधिकार समूहों ने उनकी सरकार पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया है। इसलिए शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे थे। हालांकि सरकार इन आरोपों से इनकार करती रही है। बांग्लादेश में प्रदर्शन कब और क्यों शुरू हुए? बांग्लादेश में सरकार ने साल 2018 में अलग-अलग समुदाय को मिलने वाला 56 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया था। इस साल 5 जून को ढाका हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को पलट दिया और दोबारा आरक्षण लागू कर दिया। इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिनमें 150 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट के फैसले में परिवर्तन करते हुए आरक्षण की सीमा 56 प्रतिशत से कम कर 7प्रति कर दी। इसमें 5 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को जो पहले 30प्रति था और 2 प्रतिशत एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग के लिए तय कर दिया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया, जिससे उनका 15 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया। उनके इस्तीफे के बाद कई सप्ताह तक सरकार विरोधी हिंसा हुई, जिसमें 300 से अधिक मौतें हुईं। 76 वर्षीय हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना सुरक्षित आश्रय में भाग गई हैं, हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके आधिकारिक आवास, गणभवन पर धावा बोल दिया। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज़-ज़मान ने घोषणा की कि एक अंतरिम सरकार सत्ता संभालेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सेना खड़ी हो जाएगी और छात्र प्रदर्शनकारियों पर घातक कार्रवाई की जांच का वादा किया। बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन बढऩे पर भीड़ ने ढाका में शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़ दिया।

. गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड हुआ शेख हसीना का विमान

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना सी-130 परिवहन विमान से गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर उतरीं। विमान को भारतीय वायु सेना के सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान हैंगर के पास पार्क किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान के भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश से लेकर गाजियाबाद में लैंडिंग तक विमान की गतिविधियों पर भारतीय वायु सेना द्वारा नजर रखी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में रहने के बाद लंदन के लिए उड़ान भरेगी। यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि सैन्य परिवहन विमान उसे भारत से आगे ले जाएगा या वह एक अलग विमान से लंदन जाएगी। हालांकि ब्रिटेन ने बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के राजनीतिक शरण के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार शेख हसीना कुछ दिनों तक भारत में रुकेंगी। खबरों के मुताबिक वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शेख हसीना की अगवानी की। भारत ने ढाका के अनुरोध के बाद हसीना के विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र से सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का निर्णय लिया। नई दिल्ली ने ढाका के घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालाँकि, सभी घटनाक्रमों पर बारीकी से नजऱ रखी जा रही है। इससे पहले, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने पुष्टि की थी कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और एक अंतरिम सरकार बनेगी। क्या सेना की मिलीभगत थी? मामलों के जानकार प्रोफेसर स्वर्ण सिंह बताते हैं कि भारत को सीमाओं की निगरानी बढ़ानी होगी। साल 2011 में भी वहां विरोध प्रदर्शन हुए थे। तब प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना हटाना, देश को भारत की पपेट बनने से बचाना है जैसे नारे लगाए थे। ऐसे में कुछ महीने पहले जिस पार्टी ने 300 में से 204 सीटें जीतीं, उसकी नेता को एक विरोध प्रदर्शन के बाद इस तरह देश छोडना पड़े और फिर दो घंटे बाद ही सेना प्रमुख मीडिया के सामने बयान दें कि ये प्रदर्शनकारी नहीं, क्रांतिकारी हैं। साफ है कि इस आंदोलन के पीछे सेना की मिलीभगत थी।

 जो तानाशाही करेगा उसे देश छोड़कर भागना पड़ेगा : आप नेता संजय सिंह

बांग्लादेश के हालात पर आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि जो तानाशाही करेगा उसे देश छोड़कर भागना पड़ेगा। संजय सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि जो तानाशाही करेगा उसे देश छोड़कर भागना पड़ेगा। संजय सिंह ने अपने इस पोस्ट में किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा बीजेपी और केंद्र सरकार की तरफ माना जा रहा है।

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